Ashadha Gupt Navratri 2022: आज से शुरू हो रही है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और माता के प्रिय भोग

Ashadha Gupt Navratri 2022: आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून यानी आज से शुरू हो रही है. इन दौरान माता को विशेष प्रकार का भोग लगाया जाता है.

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Ashadha Gupt Navratri 2022: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 30 जून से 9 जुलाई तक है.

Ashadha Gupt Navratri 2022: साल में चार नवरात्रि पड़ती हैं. जिसमें से आषाढ़ और माघ महीने की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) कहते हैं. इसके अलावा चैत्र और आश्विन मास में भी नवरात्रि पड़ती है. जिसे सामान्य नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) आषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक पड़ती है. दशमी तिथि को हवन के साथ गुप्त नवरात्रि का समापन किया जाता है. इस बार आषाढ़ नवरात्रि 30 जून, गुरुवार से शुरू होकर 9 जुलाई तक चलेगी. आइए जानते हैं आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त और 9 दिन के लिए माता का प्रिय भोग. 

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि तिथि और शुभ मुहूर्त | Ashadha Gupt Navratri 2022 Date and Shubh Muhurat

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होगी. प्रतिपदा तिथि 29 जून को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से आरंभ हो रही है. जो कि 30 जून की सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 30 जून को सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक है. 

9 दिन लगाएं माता को ये प्रिय भोग | Ashadha Gupt Navratri 2022 Bhog

पहले दिन का भोग- आषाढ़ गु्प्त नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन माता को घी से बनी शुद्ध और सफेद रंग की चीजें भोग लगाएं. सफेद मिठाइयों का भी भोग लगया जा सकता है. 

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दूसरे दिन का भोग- इस दिन ब्रह्मचारिणी माता को शक्कर और पंचामृत का भोग अर्पित किया जाता है. 

तीसरे दिन का भोग- आषाढ़ नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध के बनी चीजों का भोग लगना उत्तम माना गया है. 

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चौथे दिन का भोग- गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा माता की पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग अर्पित करना अच्छा रहेगा.

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पांचवें दिन का भोग- नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. इस दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना अच्छा होता है. 

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छठे दिन का भोग- गुप्त नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है. ऐसे में इस दिन इनकी पूजा के दौरान शहद का भोग लगना उत्तम रहेगा. 

सातवें दिन का भोग- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. इसलिए इस दिन माता कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाएं. 

आठवें दिन का भोग- नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन माता को नारियल का भोग अर्पित करना शुभ रहेगा. 

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नौवें दिन का भोग- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौवें यानी आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. ऐसे में इस दिन माता सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाना चाहिेए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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