Apara Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में कई तरह की एकादशी मनाई जाती है जिनमें से एक है अपरा एकादशी. हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) कहा जाता है. अपरा एकादशी का व्रत रखने पर मान्यतानुसार हर कार्य में अपार सफलता मिलती है. इस एकादशी के मौके पर पूरे मनोभाव से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा संपन्न की जाए तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु प्रसन्न करने वाले भोग और मंत्र....
22 या 23 मई कब है अपरा एकादशी | 22 Or 23 May When Is Apara Ekadashi
पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 22 मई की रात 1 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 23 मई की रात 10 बजकर 29 मिनट पर हो जाएगा. इस चलते 23 मई, शुक्रवार के दिन ही अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
23 मई के दिन अपरा एकादशी का व्रत (Ekadashi Vrat) रखा जाएगा और इस चलते अगले दिन 24 मई, शनिवार को अपरा एकादशी का पारण किया जाएगा. व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 1 मिनट से सुबह 8 बजकर 39 मिनट के बीच है.
अपरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद अपरा एकादशी का व्रत शुरू होता है. इस दिन भगवान विष्णु के प्रिय रंग के कपड़े यानी पीले रंग के कपड़े पहने जा सकते हैं. अपरा एकादशी पर श्रीहरि की पूजा करने के लिए चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर विष्णु भगवान की प्रतिमा को उसपर सजाएं. इसके बाद दीप जलाएं, फल, अक्षत, फल, तुलसी और मेवा वगैरह अर्पित करें. आरती करें, मंत्रों का जाप करें और पूजा का समापन करें.
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
- ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्:
- ॐ विष्णवे नमः
- कृष्णाय वासुदेवाय हराय परमात्मने प्रणतः क्लेशनशाये गोविंदाय नमो नमः
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे:
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)