21 सितंबर को लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, सभी 12 राशियों पर कैसा रहेगा असर, ज्योतिर्विद से जानिए सारी डिटेल

21 सितम्बर को लगने वाले ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. विशेष रूप से, कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं पंडित अरविंद मिश्र से साल के अंतिम सूर्य ग्रहण का किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

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2nd solar eclipse 2025 effects : यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.

2nd Solar eclipse 2025 : 21 सितंबर 2025 आश्विन माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि दिन रविवार को सूर्य ग्रहण लगेगा. भारतीय समयानुसार रात्रि 11 बजे से रात्रि 3 बजकर 24 मिनट तक यह ग्रहण रहेगा. यह ग्रहण फिजी, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग, अंटार्कटिका आदि देशों में देखा जा सकेगा. 21 सितम्बर को लगने वाला सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा. 

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21 सितम्बर को लगने वाले ग्रहण का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. विशेष रूप से, कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है. ऐसे में चलिए जानते हैं पंडित अरविंद मिश्र से साल के अंतिम सूर्य ग्रहण का किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

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मेष राशि : मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के पंचम भाव के स्वामी होते हैं. सूर्य ग्रहण आपके छठे भाव में पड़ रहा है. छठे भाव यानी शत्रु भाव में ग्रहण का प्रभाव होगा. ऐसे में आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी, नौकरी पेशा जातकों को इस दौरान लाभ और प्रमोशन के योग बन रहे हैं. किसी पुराने कर्ज से मुक्ति मिलेगी,किसी पुराने विवाद अथवा मुकदमे से छुटकारा मिलेगा, कर्ज उतरेगा. 

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 वृष राशि: वृष राशि के जातकों के लिए सूर्य चौथे भाव के स्वामी होते हैं. वृष राशि के पंचम भाव में ग्रहण का प्रभाव इस प्रकार होगा- रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी, विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए और प्रयास करने होंगे, प्रेम संबंधों में तनाव हो सकता है.

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मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य आपकी कुंडली के तीसरे भाव के स्वामी होते हैं. ग्रहण का प्रभाव आपके चौथे भाव पर पड़ेगा, आपकी माता को कष्ट, मकान से संबंधित समस्याएं, मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है. मित्रों तथा संबंधियों से भी अप्रिय समाचार प्राप्त हो सकते हैं और यात्रा में सावधानी बरतें.

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कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य दूसरे भाव के स्वामी होते हैं. ग्रहण का प्रभाव आपके तृतीय भाव पर होगा, जिससे अत्यधिक सुखद परिणाम रहेगा, किंतु परिवार में छोटे भाइयों से मतभेद बढ़ सकते हैं, कार्य व्यापार में उन्नति होगी, लिए गए निर्णय और किए गए कार्यों की सराहना होगी, साहस एवं पराक्रम में वृद्धि होगी, कोई मनोकामना पूरी हो सकती है, व्यापार में उन्नति होगी, नौकरी में पदोन्नति होगी.

सिंह राशि: सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव को स्वामी होते हैं. ग्रहण का प्रभाव आपके दूसरे भाव में होगा अर्थात धन भाव को प्रभावित करेगा, आमतौर पर दूसरे भाव में सूर्य का गोचर अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे में सेहत संबंधी परेशानियों में इजाफा हो सकता है, सूर्य का प्रभाव स्वास्थ्य विशेष करके दाहिने आंख से संबंधित समस्या दे सकता है, आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं. विदेश यात्रा अथवा लंबी दूरी के यात्रा पर जा सकते है. शोध कार्य में सफलता मिलेगी.

कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य भाव के स्वामी होते हैं. ग्रहण के समय सूर्य का गोचर आपकी राशि पर से हो रहा है, ऐसे में आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, आप कोई जोखिमपुर कार्य करने में सफल होंगे, राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी हो सकती है,  क्रोध करने से बचें. 

तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी होते हैं. ग्रहण के समय सूर्य का गोचर आपके द्वादश भाव में हो रहा है, आपको विदेश से संबंधित मामलों में सफलता मिल सकती है, खर्चे में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, लंबी दूरी की यात्रा अथवा विदेश यात्रा पर जा सकते हैं, अत्यधिक भाग दौड़ करनी पड़ेगी, झगड़े ,विवाद तथा कोर्ट कचहरी के मामलों में सावधानी बरतें, इस समय में किसी को भी अधिक धन उधार के रूप में ना दें, वह समय पर नहीं मिलेगा.

वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य दशम भाव के स्वामी होते हैं, आपके एकादश भाव में ग्रहण आपके लिए लाभ भाव अर्थात आपके लिए बहुत ही उत्तम स्थिति है, बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, सत्ता शासन में बैठे लोगों को नवीन दायित्व मिल सकते हैं, नौकरी में पदोन्नति, बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत  लोगों को विदेश में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा, आर्थिक मामलों में सुधार होगा, अच्छी आमदनी होगी, आय के कई स्रोत खुलेंगे, प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी, उधार दिया गया धन वापस मिल सकता है, गलत लोगों की संगति से बचें.

धनु राशि: धनु राशि के लिए सूर्य आपके भाग्य स्थान के स्वामी होते हैं, आपकी कुंडली के दशम भाव में ग्रहण पड़ रहा है, आपको उच्च सफलता मिल सकती है, राज सत्ता में भागीदारी बढ़ेगी, कार्य व्यापार में उन्नति होगी, किसी भी प्रकार के नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना हो तो उस दृष्टि से भी समय अनुकूल रहेगा, सामाजिक पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी, परिवार में मांगलिक कार्यों का शुभ अवसर आएगा, जमीन ज्यादादा से संबंधित मामलों का निपटारा होगा,  पिता से अकारण विवाद हो सकता है. 

मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य अष्टम भाव के स्वामी होते हैं, मकर के  नवम भाव में अर्थात भाग्य स्थान में ग्रहण का प्रभाव इस प्रकार होगा- कई प्रकार के अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा, नौकरी में पदोन्नति के साथ स्थान परिवर्तन हो सकता है, व्यापार में नए अनुबंध अथवा साझेदार मिलने से व्यापार की उन्नत हो सकती है, धर्म और आध्यात्म के मामलों में रुचि बढ़ेगी, धार्मिक कार्यों में  बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे, दान पुण्य करेंगे, पिता से कोई कीमती उपहार भूमि, भवन, वाहन आदि मिल सकता है, समाज में आपके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना होगी.

कुम्भ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी होते हैं, कुम्भ राशि वालों के अष्टम भाव पर ग्रहण होगा, स्वास्थ्य से संबंधित समस्या हो सकती है, स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी, यकायक अनचाही लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है. अग्नि, विष, दवा के रिएक्शन से बचें, आपके अपने प्रियजन ही आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे, अपने साहस पराक्रम के बल पर कठिन हालात को भी नियंत्रित कर सकेंगे, किंतु कहीं न कहीं बदनामी का सामना करना पड़ सकता है, नौकरी में पद अवनति हो सकती है. 

मीन राशि:  मीन राशि के लिए  सूर्य छठे भाव के होते हैं, ग्रहण का प्रभाव आपके सप्तम भाव  पर होगा, जिससे आपके दांपत्य जीवन में अकारण मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं, तलाक की स्थिति आ सकती है, मित्रों से किसी नए कार्य पर सहयोग मिल सकता है, कार्य व्यापार में उन्नति होगी, किसी भी तरह के नए अनुबंध पर हस्ताक्षर करना चाह रहे हैं तो उस दृष्टि से भी ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा, शादी विवाह से संबंधित वार्ता में थोड़ा और समय लगेगा, जीवनसाथी से दूर रहना पड़ सकता है, धन संपत्ति में वृद्धि होगी.

 महत्वपूर्ण बातें:

सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू होता है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. 

ग्रहण के दौरान, चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है.

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