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UGC Defaulter List 2025: IIT, IIM  और एम्स समेत 89 संस्थान यूजीसी की एंटी-रैगिंग डिफॉलटर लिस्ट में शामिल 

UGC Defaulter List 2025: इस लिस्ट में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी पलक्कड़, आईआईएम बॉम्बे, आईआईएम रोहतक और आईआईएम त्रिची जैसे 89 टॉप संस्थान डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल हैं.

UGC Defaulter List 2025: IIT, IIM  और एम्स समेत 89 संस्थान यूजीसी की एंटी-रैगिंग डिफॉलटर लिस्ट में शामिल 
IIT, IIM  और एम्स समेत 89 संस्थान यूजीसी की एंटी-रैगिंग डिफॉलटर लिस्ट में शामिल 
नई दिल्ली:

UGC Defaulter List 2025: यूजीसी यानी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) ने हाल ही में देशभर के कॉलेज-संस्थानों की एंटी-रैगिंग डिफॉलटर लिस्ट जारी की है. यूजीसी ने देश की प्रतिष्ठित संस्थानों- आईआईटी (IIT), आईआईएम (IIM), एम्स (AIIMS) समेत 89 संस्थानों को एंटी-रैगिंग नियमों का पालन न करने पर डिफॉलटर लिस्ट में डाला है. यूजीसी की एंटी-रैगिंग डिफॉलटर लिस्ट में चार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), तीन भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM)  और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) शामिल हैं. यूजीसी ने अनिवार्य एंटी-रैगिंग नियमों और विनियमों का पालन न करने पर इन उच्च शिक्षण संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही इन संस्थानों को मान्यता और फंडिंग रोकने की चेतावनी दी है.   

यूजीसी की डिफॉल्टर लिस्ट में राष्ट्रीय महत्व के 17 संस्थान हैं, जिनमें आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी पलक्कड़, आईआईएम बैंगलोर, आईआईएम रोहतक, आईआईएम तिरुचिरापल्ली और एम्स रायबरेली शामिल हैं. 

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इग्नू और बेंगलुरु सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी लिस्ट में

यूजीसी द्वारा एंटी-रैगिंग डिफॉल्टर सूची में शामिल अन्य संस्थान इग्नू, बेंगलुरु सेंट्रल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी, शिबपुर और वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, कोलकाता हैं. यूजीसी के अनुसार, एंटी-रैगिंग मॉनिटरिंग एजेंसी की ओर से कई सलाह, फॉलो-अप कॉल और हस्तक्षेप के बावजूद, ये संस्थान छात्रों से आवश्यक एंटी-रैगिंग अंडरटेकिंग और संस्थान से अनुपालन रिपोर्ट जमा करने में विफल रहे हैं.

यूजीसी लेटेस्ट नोटिस

यूजीसी ने 9 जून को जारी अपने नोटिस में कहा, "अनुपालन में विफलता न केवल यूजीसी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती है, बल्कि छात्रों की सुरक्षा से भी समझौता करती है, खासकर रैगिंग से संबंधित संकट और कैंपस में शत्रुता के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर." यूजीसी ने अब सभी 89 संस्थानों को एक महीने के भीतर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने और सभी छात्रों से ऑनलाइन अंडरटेकिंग प्राप्त करने का निर्देश दिया है. संस्थानों से उनके परिसरों में रैगिंग विरोधी उपायों पर विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी गई है. 

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यूजीसी की आईआईटी, आईआईएम को चेतावनी

यूजीसी ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर संस्थान निर्धारित समय के भीतर कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ नियामक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें यूजीसी अनुदान और फंडिंग वापस लेना भी शामिल है. यूजीसी ने यह भी कहा कि अगर संस्थान मामले में कार्रवाई शुरू नहीं करते हैं, तो उन्हें गैर-अनुपालन के सार्वजनिक प्रकटीकरण और मान्यता रद्द करने और संबद्धता वापस लेने पर विचार किया जा सकता है.

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