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QS Ranking 2025: आईआईटी दिल्ली देश का नंबर 1 इंस्टीट्यूट, क्यूएस रैंकिंग में देश की 78 यूनिवर्सिटी

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2025 में आईआईटी दिल्ली ने भारत में पहला स्थान हासिल किया है, वहीं क्यूएस रैंकिंग में भारत के कुल 78 विश्वविद्यालयों को जगह दी गई है.

QS Ranking 2025: आईआईटी दिल्ली देश का नंबर 1 इंस्टीट्यूट, क्यूएस रैंकिंग में देश की 78 यूनिवर्सिटी
नई दिल्ली:

QS World University Rankings Sustainability 2025: क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स की ओर से मंगलवार को 2025 के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2025 जारी कर दी गई है. इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT Delhi) ने भारत में पहला स्थान हासिल किया है. आईआईटी दिल्ली ने 255 पायदान की छलांग लगाकर वैश्विक स्तर पर 171वें स्थान पर पहुंच गया है. क्यूएस की सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग 2025 में भारत के कुल 78 विश्वविद्यालयों को जगह मिली है. इसमें शीर्ष 10 संस्थानों में से नौ की रैंकिग में सुधार हुआ है और 21 नए संस्थान इस सूची में शामिल हुए हैं. पर्यावरणीय प्रभाव के लिए आईआईटी दिल्ली और आईआईटी कानपुर दुनिया के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल हुए हैं. बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान को पर्यावरण शिक्षा के लिए दुनिया के शीर्ष 50 संस्थानों की सूची में जगह मिली है. बता दें कि ‘वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: सस्टेनेबिलिटी 2025' के लिए क्यूएस ने तीन आधारों पर्यावरणीय प्रभाव, सामाजिक प्रभाव और शासन में विश्वविद्यालय के प्रदर्शन के आधार पर रैंक दी है.

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34 विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार  

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार लंदन में रह रहे क्यूएस के उपाध्यक्ष बेन सॉटर ने कहा, ‘‘क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग (2025) में शामिल 78 भारतीय विश्वविद्यालयों में से 34 ने पिछले वर्ष की तुलना में सुधार किया है तथा आठ का स्थान इस बार भी बरकरार रहा है.'' उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीय उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे यह पता चलता है कि भारतीय विश्वविद्यालय वहनीयता के लिए अपनी पहलों पर काम कर रहे हैं.'' सॉटर ने कहा, ‘‘सामाजिक प्रभाव की श्रेणी में शामिल होने के लिए भारत के विश्वविद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण, शिक्षा और समानता के क्षेत्र में सुधार कर सकते हैं क्योंकि इस श्रेणी में कोई भी संस्थान शीर्ष 350 में शामिल नहीं है. भारत के विश्वविद्यालयों ने ज्ञान का आदान-प्रदान, रोजगार एवं परिणाम के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है.''

107 देशों की यूनिवर्सिटी शामिल

क्यूएस की 2025 की रैंकिंग में 107 देशों तथा क्षेत्रों के 1,740 से अधिक विश्वविद्यालय शामिल हैं जबकि पिछले साल 95 स्थानों के केवल 1397 संस्थानों को जगह मिली थी. इससे पता चलता है कि इस साल की क्यूएस रैंक में बढ़ोतरी हुई है. 

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टोरंटो विश्वविद्यालय टॉप पर

क्यूएस रैंकिंग में इस साल टोरंटो विश्वविद्यालय को शीर्ष स्थान मिला है जबकि ईटीएच ज्यूरिख दूसरे स्थान पर है तथा स्वीडन का लुंड विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले (यूसीबी) तीसरे स्थान पर हैं. 

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लिस्ट में 350 नए संस्थान शामिल 

क्यूएस इंटरनेशनल स्टूडेंट्स सर्वे पर क्यूएस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेसिका टर्नर ने कहा, ‘‘आज के छात्रों के लिए वहनीयता सर्वोच्च प्राथमिकता है.  10 में से नौ छात्र इसे महत्वपूर्ण मानते हैं और 40 प्रतिशत छात्र आवेदन प्रक्रिया के दौरान विश्वविद्यालयों की वहनीयता संबंधी रणनीतियों पर सक्रिय रूप से जांच करते हैं. '' उन्होंने कहा कि इससे यह बात पता चलती है कि संस्थागत एजेंडे में वहनीयता को सर्वोपरि स्थान दिया जाना जरूरी है. टर्नर ने कहा, ‘‘इस साल की क्यूएस सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में हुई बढ़ोतरी से पता चलता है कि उच्च शिक्षा संस्थानों ने वहनीयता संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयास किए हैं. इस साल इस श्रेणी के 461 संस्थानों की स्थिति में सुधार हुआ है तथा 350 नए संस्थान इसमें शामिल हुए हैं और पांच विश्वविद्यालयों ने पहली बार शीर्ष 20 में जगह बनाई है। हमारी रैंकिंग में विश्वविद्यालयों के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।''

भाषा के इनपुट के साथ

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