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QS University Rankings 2026: दुनिया की टॉप 10 यूनिवर्सिटी लिस्ट, अमेरिका का दबदबा कायम

QS University Rankings 2026: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 जारी कर दी गई है. इस साल क्यूएस वल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 100 से ज्यादा देशों के 1,500 से ज्यादा संस्थान शामिल हैं. इस साल भी लिस्ट में अमेरिका का दबदबा कायम है.

QS University Rankings 2026: दुनिया की टॉप 10 यूनिवर्सिटी लिस्ट, अमेरिका का दबदबा कायम
QS University Rankings 2026: क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी
नई दिल्ली:

QS University Rankings 2026: क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 जारी कर दी गई है. इस साल क्यूएस वल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 100 से ज्यादा देशों के 1,500 से ज्यादा संस्थान शामिल हैं. इस साल भी लिस्ट में अमेरिका का दबदबा कायम है, जबकि एशियाई और यूरोपीय देशों ने अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई है. 

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क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में इस साल मामूली सा बदलाव हुआ है. क्यूएस यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अमेरिका  सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बना हुआ है, जिसके 192 संस्थान इस लिस्ट में शामिल हैं.

इस लिस्ट में अमेरिकी के मैसाचुसेट्स में स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने 100 स्कोर के साथ क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2026 में टॉप रैंक हासिल की है. इसके बाद लंदन का इंपीरियल कॉलेज 99.4 के स्कोर के साथ दूसरे नंबर पर है. तीसरे नंबर पर 98.9 के स्कोर के साथ स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी है. 

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QS World University Rankings 2026: दुनिया की टॉप 10 यूनिवर्सिटी

रैंक 1: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT)

रैंक 2: इंपीरियल कॉलेज लंदन

रैंक 3: स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी

रैंक 4: यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड

रैंक 5: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी

रैंक 6: यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज

रैंक 7: ETH ज्यूरिख

रैंक 8: नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS)

रैंक 9: यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL)

रैंक 10: कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैलटेक)

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2026 के लिए क्यूएस ने अपने पात्रता मानदंडों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. अब एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन और अरब क्षेत्र के यूनिवर्सिटियों को वैश्विक रैंकिंग में शामिल होने के लिए अपनी-अपनी क्षेत्रीय रैंकिंग में स्थान प्राप्त करना अनिवार्य होगा. पहले, यूनिवर्सिटी को क्षेत्रीय रैंकिंग में शीर्ष 50% में होना आवश्यक था, लेकिन अब यह शर्त हटा दी गई है. इसका मतलब है कि क्षेत्रीय रैंकिंग में शामिल होने वाला कोई भी यूनिवर्सिटी वैश्विक रैंकिंग के लिए पात्र हो सकता है, बशर्ते वह अन्य मानदंडों को पूरा करता हो.

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