
Maharashtra Schools: महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे का बयान आया है. उन्होंने कहा कि स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य है और तीसरी भाषा के रूप में अभिभावक कोई भी विषय चुन सकते हैं. स्कूल शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने बुधवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "सभी माध्यम के स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अनिवार्य है. तीसरी भाषा के रूप में छात्र और उनके अभिभावक कोई भी विषय चुन सकते हैं, जिसे वे पढ़ना चाहते हैं और उसके अनुसार व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, बच्चों की संख्या 20 से अधिक होनी चाहिए, अगर इससे कम होगी तो उन्हें ऑनलाइन पढ़ाया जाएगा.
तीसरी भाषा को लेकर अभिभावकों पर छोड़ा फैसला
तीसरी भाषा को लेकर निर्णय करने का फैसला छात्र और उनके अभिभावकों पर छोड़ा गया है. मैं समझता हूं कि महाराष्ट्र के छात्रों के भविष्य को लेकर राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है." दादाजी भुसे ने कहा, "पिछले कई सालों से महाराष्ट्र और मुंबई में तीन भाषा के आधार पर स्कूल चल रहे हैं. मेरा मानना है कि इस प्रतिस्पर्धा में महाराष्ट्र के सभी स्कूल रहने चाहिए, इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है."
क्लास से 1 से 5 तक अंग्रेजी मीडियम हिंदी अनिवार्य
बता दें कि महाराष्ट्र में भाषा पर विवाद के बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य में कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी अनिवार्य होगी. महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर आदेश जारी किया है. सरकार ने साफ किया कि हिंदी तीसरी भाषा के रूप में सामान्य रूप से अध्ययन के लिए लागू की जाएगी. सरकार ने आदेश में कहा, "सभी माध्यमों के स्कूलों में मराठी अनिवार्य भाषा होगी. इस कार्यान्वयन की सभी व्यवस्थाएं शिक्षा विभाग की तरफ से की जाएंगी. मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के लिए हिंदी अब से तीसरी भाषा होगी."
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