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मंगेश घिल्डियाल से लेकर प्रतीक जैन तक, खूब चर्चा में रहे रुद्रप्रयाग जिले में तैनात ये IAS अफसर

IAS Officer Inspiring Stories: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में कुछ ऐसे डीएम तैनात रहे, जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं. हर अधिकारी के लिए ये एक प्रेरणा की तरह हैं.

मंगेश घिल्डियाल से लेकर प्रतीक जैन तक, खूब चर्चा में रहे रुद्रप्रयाग जिले में तैनात ये IAS अफसर
रुद्रप्रयाग जिले के डीएम

भारत में लाखों लोग रोजाना ये सपना देखते हैं कि वो एक दिन UPSC क्रैक करके IAS या फिर IPS बनेंगे, हालांकि इनमें से कुछ ही लोगों को ये मौका मिल पाता है. कुछ लोग कई अटेंप्ट के बाद भी ऐसा नहीं कर पाते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं, जो 25 साल से भी कम उम्र में इन पदों पर पहुंच जाते हैं. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के डीएम प्रतीक जैन का नाम भी ऐसे ही अधिकारियों में शामिल है. प्रतीक जैन केदारनाथ में चल रही यात्रा की पूरी व्यवस्था खुद संभाल रहे थे और अब कपाट बंद होने से पहले उनके वीडियो सामने आ रहे हैं. प्रतीक अपनी कम उम्र और काम को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं, वहीं उनसे पहले भी इस जिले में एक ऐसा डीएम था, जिसकी इतनी चर्चा हुई कि आखिर में उन्हें खुद पीएम मोदी ने बुला लिया. 

कौन हैं प्रतीक जैन?

प्रतीक जैन का जन्म 25 जुलाई 1993 को राजस्थान के अजमेर में हुआ था. अब उनकी डेट ऑफ बर्थ देखकर आप समझ ही गए होंगे कि वो कितने युवा हैं. प्रतीक ने 2018 में 86वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी की परीक्षा पास की थी, ये उनका दूसरा अटेंप्ट था. प्रतीक महज 25 साल की उम्र में IAS अधिकारी बन गए थे. 

रुद्रप्रयाग के सबसे युवा डीएम

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में कुछ ही महीने पहले प्रतीक जैन की पोस्टिंग हुई थी, इसके साथ ही वो यहां के सबसे युवा डीएम भी बन गए. कम उम्र में उनकी काबलियत और जोशीले अंदाज की वजह से वो अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. केदारनाथ यात्रा शुरू होने के बाद आम यात्रियों की तरह प्रतीक जैन भी पैदल निकल पड़े और पूरी यात्रा का निरीक्षण किया. इस दौरान उनकी तस्वीरें खूब वायरल हुईं थीं. 

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मंगेश घिल्डियाल भी हुए थे वायरल

प्रतीक जैन से पहले रुद्रप्रयाग जिले में ही तैनात एक और डीएम खूब वायरल हुए थे. डीएम मंगेश घिल्डियाल अपने काम करने के अलग और अनोखे तरीके के लिए जाने जाते हैं. मंगेश की जहां भी बतौर डीएम तैनाती हुई, वहां के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. यही वजह है कि लोग आज भी उन्हें अपने हर दुख दर्द में याद करते हैं. मंगेश जनता के साथ चौपाल लगाते थे और उनके बीच एक आम आदमी की तरह रहते थे. जब रुद्रप्रयाग जिसे से उनकी ट्रांसफर की खबर सामने आई तो लोगों की आंखों में आंसू थे. इससे पहले भी जब वो किसी जिले से ट्रांसफर होकर जाते थे तो लोग इस ट्रांसफर के विरोध में सड़कों पर उतर आते थे. 

दो बार क्रैक किया UPSC

मंगेश घिल्डियाल 2011 बैच के IAS अधिकारी हैं, उन्होंने देशभर में चौथी रैंक हासिल की थी. शुरुआती पढ़ाई उत्तराखंड के पौड़ी जिले के एक छोटे से गांव में हुई, इसके बाद देहरादून से ग्रेजुएशन और कुमाऊं यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद लेजर टेक्नोलॉजी में रिसर्च के बाद उन्हें बतौर साइंटिस्ट नौकरी मिल गई, लेकिन उनका मन IAS बनने का था. उन्होंने 2010 में बिना कोचिंग के UPSC परीक्षा दी और पहले ही अटेंप्ट में इसे क्रैक कर लिया. तब उन्हें आईपीएस का पद मिला, लेकिन इसके बाद 2011 में फिर से उन्होंने परीक्षा दी और चौथी रैंक प्राप्त कर ली. इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड में काम करने का फैसला लिया. 

सीधे पीएमओ में मिली नियुक्ति

मंगेश घिल्डियाल की लोकप्रियता और उनके काम करने के तरीके से खुश होकर पीएम मोदी ने अपने ऑफिस यानी पीएमओ में उन्हें बुला लिया. साल 2020 से मंगेश पीएमओ में बतौर अंडर सेक्रेटरी तैनात हैं. मंगेश आज भी उत्तराखंड से जुड़े हैं और यहां के लोगों की हर संभव मदद करते हैं.  
 

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