बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में रहने के लिए मदद करने वाले एक बड़े सिंडिकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. दक्षिणी दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपी भी गिरफ्तार किए हैं. जिनसे बड़ी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड ,वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए. बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी नागरिक जंगल के रास्ते लाए जाते थे. जिसके बाद फर्जी वेबसाइट से उनके दस्तावेज तैयार होते थे.
बांग्लादेशी नागरिकों के बनाए जाते थे फेक डॉक्यूमेंटस
फर्जी आधार कार्ड , वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार किए जाते थे, जिन्हें फेक बेवसाइट की मदद से बनाया जाता था. पुलिस ने इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है. उनमें फेक वेबसाइट और डॉक्यूमेंटस बनाने वाले हैं. पुलिस का ये एक्शन दिल्ली एलजी के आदेश के बाद हो रहा है. दिल्ली एलजी सचिवालय ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को अगले दो महीने में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के अनुसार कार्रवाई करने के लिए कहा है.
साउथ डिस्ट्रिक्ट डीसीपी ने क्या कुछ बताया
साउथ डिस्ट्रिक्ट डीसीपी अंकित चौहान ने कहा कि हमने 5 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए हैं और 6 ऐसे लोग गिरफ्तार किए हैं जो फर्जी डॉक्यूमेंट बनाते हैं. संगम बिहार मर्डर केस से इस मामले का खुलासा हुआ है. इस मामले में जो मृतक सेटों शेख थे, उन्होंने इन बांग्लादेशी लोगों के फर्जी आधार कार्ड बनवाए. घर पर इसके साथ जो काम करते थे उन पर शक था जिनसे पूछताछ में पता चला कि रंजिश और पैसे के लेन देन के चलते हत्या की गई थी. हत्या में 4 बांग्लादेशी नागरिक शामिल थे जिन्हें पकड़ा गया.
जनता प्रिंट्स नाम की एक वेबसाइट है जहां से 20 रुपए में ये फर्जी डॉक्यूमेंट्स प्रिंट करते थे. रजत मिश्र नाम का एक व्यक्ति ये वेबसाइट 2022 से चला रहा है. न्नी देवी को गिरफ्तार किया है, जिनका ये पूरा सिंडिकेट है जो भारत में जंगल के रास्ते आते हैं. 4 नकली वोटर कार्ड, 21 आधार कार्ड और 6 पैन कार्ड मिले हैं. बांग्लादेश से भी इन्वॉल्वमेंट का एंगल आ रहा है हमारी टीम वहां गई है. आगे केस की जांच की जा रही है. क्या फर्जी वोटर कार्ड बनाए गए हैं वो पार्ट ऑफ इन्वेस्टिगेशन है. जंगल से आते हैं फिर कोई बाइक पर मदद करके लाता है उन्हें सिम कार्ड और पैसे भी देते हैं.
एलजी के आदेश पर क्यों हो रहा पुलिस का एक्शन
सचिवालय के अनुसार इसका उद्देश्य दिल्ली में रहने वाले घुसपैठियों की पहचान करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना है. शहर के मुस्लिम समुदाय ने बांग्लादेश संकट का हवाला देते हुए यह कदम उठाने की मांग की है. मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा एलजी वी.के. सक्सेना से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग के बाद उपराज्यपाल सचिवालय ने यह कदम उठाया है. सचिवालय ने मुख्य सचिव और पुलिस आयुक्त को शिकायत के आधार पर सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए पत्र लिखा है.
बांग्लादेशियों की जानकारी जुटाने का आदेश
इससे पहले दिल्ली एनसीआर में रहने वाले बांग्लादेशी किस तरह के अपराधों में शामिल हैं उसकी जानकारी भी जुटाने के आदेश दिए गए हैं. बांग्लादेशी अपराधियों की एक अलग से लिस्ट बनाया जाए और तमाम संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के सोशल मीडिया अकाउंट पर खास नज़र रखी जाए. मीटिंग में पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, यूपी पुलिस समेत हरियाणा पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद भी मौजूद थे.