राकेश अस्‍थाना की पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ दिल्‍ली विधानसभा ने किया प्रस्‍ताव पारित

दिल्‍ली विधानसभा ने अस्‍थाना की दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित किया है और गृह मंत्रालय से नियुक्ति वापस लेने को कहा है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
राकेश अस्‍थाना की पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ दिल्‍ली विधानसभा ने किया प्रस्‍ताव पारित
राकेश अस्‍थाना ने दिल्‍ली का पुलिस आयुक्‍त का पदभार ग्रहण कर लिया है
नई दिल्ली:

गुजरात कैडर के राकेश अस्‍थाना (Rakesh Asthana) को रिटायरमेंट से तीन दिन पहले दिल्‍ली का पुलिस आयुक्‍त नियुक्‍त (Delhi Police commissioner) किए जाने के मामले में सियासत गर्मा गई है. दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly)  में गुरुवार को राकेश अस्थाना की पुलिस आयुक्त की नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई .बाद में दिल्‍ली विधानसभा ने अस्‍थाना की दिल्‍ली के पुलिस कमिश्‍नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित किया है और गृह मंत्रालय से नियुक्ति वापस लेने को कहा है.आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक संजीव झा ने कहा, 'यह नियुक्ति न केवल असंवैधानिक है बल्कि उच्चतम न्यायालय की अवमानना भी है. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में कहा गया था कि अगर डीजीपी के लेवल पर किसी की नियुक्ति होनी है, तो उनके रिटायरमेंट में कम से कम 6 महीने का समय होना चाहिए. इस प्रक्रिया में यूपीएससी से सलाह लेने का भी आदेश दिया गया था. इसकी पूरी प्रक्रिया के पालन का आदेश दिया गया था. इस प्रक्रिया के एक भी मानक का पालन राकेश अस्थाना की नियुक्ति में नहीं किया गया है.' 

SC में जज मर्डर की गूंज, बार एसोसिएशन प्रमुख ने की CBI जांच की मांग, ऑटो ड्राइवर गिरफ्तार

विधानसभा के पटल पर संजीव झा ने राकेश अस्थाना की नियुक्ति खारिज कराने का प्रस्ताव रखा. उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी के राकेश अस्थाना 'ब्लू आई ब्वाय' रहे हैं, जब-जब पीएम को उनकी जरूरत पड़ी, वे उपलब्ध रहे. 2011 में उन पर लेन देन का आरोप लगा. 2017 में सीबीआई में उनके रहते हुए बड़ा विवाद हुआ था, सीबीआई हेड के रूप में उनकी नियुक्ति के मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था. अस्थाना को स्पेशल मिशन पर भेजा गया है, जब-जब प्रधानमंत्री को लगा कि उन पर कोई गाज गिर सकती है, तो अस्थाना की नियुक्ति हो जाती है. केंद्र को दिल्ली में हो रहे अपराध की चिंता नहीं है, अगर अपराध रोकने की मंशा होती, तो AUGMUT कैडर से अधिकारी की नियुक्ति होती. क्या इस कैडर में कोई अनुभवी अधिकारी नहीं है. झा ने सवाल किया कि बालाजी श्रीवास्तव को क्यों जिम्मेदारी देने के बाद हटा दिया गया.इनकी मंशा दिल्ली को अस्थिर करने की है, आज न सिर्फ दिल्ली की एक चुनी हुई सरकार के अधिकार छीने जा रहे हैं, बल्कि एक ऐसे अधिकारी को भेजकर डराने की कोशिश कर रहे हैं. यहां बैठे ज्यादातर सदस्य पुलिस की प्रताड़ना का शिकार हुए हैं.

Advertisement

'नाबालिग पूरी रात बीच पर क्यों थे?', गैंगरेप केस पर गोवा CM की टिप्पणी पर बवाल

'आप' विधायक ने कहा कि इसके पीछे की मंशा दिल्ली को अस्थिर करने की है, आज न सिर्फ दिल्ली की एक चुनी हुई सरकार के अधिकार छीने जा रहे हैं, बल्कि एक ऐसे अधिकारी को भेजकर डराने की कोशिश कर रहे हैं. यहां बैठे ज्यादातर सदस्य पुलिस की प्रताड़ना का शिकार हुए हैं. हमारी चिंता दिल्ली की क्राइम को लेकर है, बाहर से आया हुआ ऐसा व्यक्ति दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली को नहीं समझ पाएगा.

Featured Video Of The Day
Ahmedabad Plane Crash BIG Breaking: प्लेन क्रैश हादसे पर क्या बोले Donald Trump?