हम लोग अब जाएं कहां? जंगपुरा में रेलवे ने लगाया नोटिस, 12 जुलाई तक झुग्गियां गिराने का आदेश

झुग्गी में रह रही बेबी कहती हैं, '35 साल से यहां रह रहें हैं, अब रेलवे कहती है की इसे गिरा देंगे. हम क्या करें अब, कहाँ जाएं, हमारे बच्चों का तो अब भविष्य खराब हो जाएगा.'

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  • दक्षिण दिल्ली के जंगपुरा-बी में रेलवे की जमीन पर बनी लगभग 25 झुग्गियों को 11 जुलाई तक हटाने का नोटिस जारी किया गया है.
  • झुग्गीवासियों का कहना है कि वे दशकों से यहां रह रहे हैं और कम समय में नई जगह खोज पाना उनके लिए अत्यंत कठिन है.
  • झुग्गी में रहने वाले लोग बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं और किराए के घर भी महंगे होने से असमर्थ हैं.
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दक्षिण दिल्ली स्थित जंगपुरा-बी में रेलवे की जमीन पर बसी झुग्गियों को हटाने की तैयारी है. रेल ट्रैक के बगल में बनी इन झुग्गियों को 11 जुलाई तक हटाने के लिए नोटिस चस्पा कर दिया है और अगर निवासियों ने आदेश का पालन नहीं किया तो 12 जुलाई को बुलडोजर एक्शन की तैयारी है. झुग्गी में रह रहें लोगों के अनुसार, 9 जुलाई को रेलवे ने अचानक नोटिस चस्पा कर दिया, जिसके बाद उनके सामने अब रहने का संकट खड़ा हो गया है. निवासियों की सबसे बड़ी परेशानी समय को लेकर है. उनका कहना है कि वो कई दशकों से यहां रह रहें हैं, ऐसे में कम वक्त में घर खोजना मुश्किल है. 

झुग्गी में रह रही बेबी कहती हैं, '35 साल से यहां रह रहें हैं, अब रेलवे कहती है की इसे गिरा देंगे. हम क्या करें अब, कहाँ जाएं, हमारे बच्चों का तो अब भविष्य खराब हो जाएगा.'

'किराया देंगे तो बच्चों को क्या खिलाएंगे'

बेबी आगे कहती हैं, "यहां बिजली- पानी की सुविधा नहीं है. हम बाहर तिरपाल डाल कर सोते हैं. अब जब झुग्गी गिराने का आदेश है तो घर भी कोई नहीं दें रहा है. किराया इतना महंगा है कि हम उसका वहन नहीं कर सकते क्योंकि अगर हम किराया दे देंगे तो अपने बच्चों को खिलाएंगे और पढ़ाएंगे क्या?."

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'हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही'

रिक्शा चालक दयाराम को झुग्गी में रहते हुए 35 साल हो गए. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "कमरा खोज- खोज कर परेशान हो गए हैं. कहीं पर कुछ मिलता नहीं है. अब बारिश में हम लोग कहां जाएं? हमारी कहीं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है." 

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'चुनावी वादा पूरा करे बीजेपी'

झुग्गिवासियों की सबसे बड़ी समस्या है काम और घर है. शैली कहती हैं कि चुनाव के वक्त बीजेपी ने वादा किया था कि जहां झुग्गी वहां घर. लेकिन पार्टी अपना वादा पूरा नहीं कर रही हैं. ऐसे में वो कहां जाएं. वहीं, इंद्राराज कहते हैं, " हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं रह गया है. हम लोग मजदूरी करके 100-200 कमाते हैं, उसी में परिवार का गुजारा और बच्चों की पढ़ाई होती है. ऐसे में अगर झुग्गी गिरा देंगे तो सामान बाहर रख कर रहेंगे.

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घर मिलने तक नहीं गिरेगी झुग्गी- विधायक 

इधर, रेलवे के झुग्गी गिराने के आदेश पर बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा, 'हमने झुग्गी वासियों की समस्या केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा को बताई. उन्होंने रेलवे से बात की है, यह झुग्गियां तब तक नहीं हटेंगे जब तक इनके आगे रहने की व्यवस्था नहीं की जाएगी.'

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25 झुग्गियों को गिराने का आदेश 

जानकारी के अनुसार, रेलवे की ओर से करीब 25 झुग्गियों पर नोटिस चस्पा की गई हैं. झुग्गी वालों पर आरोप है कि इन्होंने रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण किया है. ऐसे में अगर इन्होंने समय पर खाली नहीं किया तो तो मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ेगी. हालांकि, रेलवे से जुड़े सूत्रों की मानें ने तो ट्रेन के संचालन और लोगों की सुरक्षा के लिहाज से यह कार्रवाई जरूरी है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि रेलवे द्वारा झुग्गी गिराने के आदेश के बाद यहां के लोगों की समस्या बढ़ गईं है.

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