दिल्ली पुलिस ने प्रगति मैदान के पास के टनल में बीते शनिवार को हुई लूट की वारदात को सुलझाते हुए सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस वारदात को सुलझाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यही वजह रही कि दिल्ली पुलिस ने इस घटना में शामिल सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने से पहले बड़े स्तर पर अपराधियों को पहले हिरासत में लिया था. सूत्रों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए नाइट पेट्रोलिंग के दौरान 1600 अपराधियों को हिरासत में लिया था जबकि 2000 गाड़ियों को जब्त किया था.
पुलिस ने यह एक्शन लूट के उस वीडियो के वायरल होने के बाद लिया जिसमें दिख रहा था किस तरह से दो बाइक से आए अपराधियों ने पहले प्रगति मैदान के पास के टनल में एक कार को रुकवाया और उसके बाद बंदूक दिखाकर लूटपाट की और फिर घटनास्थल से फरार हो गए. दिनदहाड़े सरेआम हुई इस घटना के सामने आने के बाद दिल्ली में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे थे. इसके बाद ही दिल्ली पुलिस संघन अभियान चलाते हुए इस मामले को सुलझाया.
बता दें कि चंडी चौक स्थित ओमिया एंटरप्राइजेज के डिलीवरी एजेंट पटेल साजन कुमार और उनके सहयोगी जिगर पटेल शनिवार को एक कैब में गुरुग्राम जा रहे थे, तभी दो बाइक पर चार अपराधियों ने उनका रास्ता रोक लिया. बाइक पर पीछे बैठे दो अपराधी पहले उतरे और पिस्तौल निकाल कर कार के अंदर बैठे शख्स के पास से बैग छीन कर फरार हो गए.
1.5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग नई दिल्ली को सराय काले खां और नोएडा से जोड़ती है. ये सुरंग दिल्ली के बीचोंबीच बनी है. दिन के उजाले में व्यस्त अंडरपास पर लूट को अंजाम देने के अपराधियों के दुस्साहस ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बड़े सवाल खड़े कर दिए थे.
इस घटना के सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधते हुए, उपराज्यपाल वीके सक्सेना का इस्तीफा मांगा था. बता दें कि दिल्ली पुलिस उपराज्यपाल के अधिन है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस घटना के बाद एक ट्वीट भी किया था. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि इस घटना के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल को इस्तीफा देकर किसी ऐसे को यह जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए जो राजधानी के लोगों को सुरक्षित महसूस करा सके. अगर केंद्र सरकार दिल्ली को सुरक्षित नहीं बना सकती है तो दिल्ली पुलिस हमें दे दें. हम आपको दिखाएं कि आखिर कैसे शहर और नागरिकों को सुरक्षित महसूस कराया जाता है.
इस घटना के बाद उपराज्यपाल ने दिल्ली में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूर रहे थे.