दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मतदाता सूचियों से आम आदमी पार्टी (आप) के समर्थकों के नाम हटाकर चुनाव प्रक्रिया में छेड़छाड़ का प्रयास कर रही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का डर है.
भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि आम आदमी पार्टी भी ‘इंडिया' गठबंधन के अपने अन्य सहयोगियों की तरह आसन्न चुनावी हार के कारण इस तरह की बयानबाजी कर रही है. दिल्ली की सत्ता से उसका बाहर होना निश्चित है.
पत्र में कहा गया है, "मुझे विश्वसनीय रूप से सूचित किया गया है कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने और सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं, इसके बजाय बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटा रहे हैं."
मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि मुख्य सचिव को अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेरफेर की संभावना की जांच करने और दोषी पाए जाने पर (अधिकारियों पर) कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी में प्रस्तावित हैं.
वहीं, आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, "केंद्र सरकार गलत तरीकों से दिल्ली चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है. वे मतदाता सूची से मतदाताओं को हटाने की साजिश रच रहे हैं, खास तौर पर आप से जुड़े लोगों को." भाजपा ने इन आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी पर पलटवार किया.
आप की वरिष्ठ नेता ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा 28 अक्टूबर को 29 उप संभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के तबादले के आदेश का हवाला दिया और इसे कथित साजिश में पहला कदम बताया.
आतिशी ने यह भी दावा किया कि सात विधानसभा क्षेत्रों की देखरेख करने वाले एक जिलाधिकारी (डीएम) ने अधिकारियों को 20,000 मतदाताओं के नामों को सूची से हटाने का निर्देश दिया था.
फरवरी 2025 में दिल्ली में चुनाव होने हैं. ‘आप' 2020 की शानदार जीत के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जहां उसने 70 में से 62 सीट पर जीत दर्ज की थी.