दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के पंजीकरण के लिए वैवाहिक जोड़े में से कम से कम एक का भारतीय नागरिक होना जरूरी नहीं है. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने ओसीआई कार्डधारक एक हिंदू कनाडाई नागरिक और एक ईसाई अमेरिकी नागरिक को यहां विशेष कानून के तहत अपनी शादी पंजीकृत कराने की अनुमति दी और कहा कि ‘‘कोई भी दो व्यक्ति'' और ‘‘नागरिक नहीं'', अधिनियम के तहत अपनी शादी रचाने की मांग कर सकते हैं.
दंपती ने पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, क्योंकि छह महीने से अधिक समय तक शहर के निवासी होने के बावजूद वे अपनी शादी के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ थे, क्योंकि वेबसाइट के अनुसार, कम से कम एक पक्ष के भारतीय नागरिक होना जरूरी था.
अदालत ने संबंधित सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता जोड़े के विवाह पंजीकरण के आवेदन को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार बिना किसी आपत्ति के संसाधित करे.
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