उत्तर पश्चिमी भारत में लू का प्रकोप जारी है और इस बीच दिल्ली में बुधवार को ज्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई. सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो मंगलवार को 40.8 डिग्री दर्ज किया गया था. पीतमपुरा में 43.6 और मुंगेशपुर में 44.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. नजफगढ़ में 43.7, रिज में 43.6 और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 44.2 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सफदरजंग वेधशाला में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री के पार और शुक्रवार को 44 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है.
राजधानी में 21 अप्रैल 2017 को अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री से. दर्ज किया गया था. अप्रैल में रिकॉर्ड अधिकतम तापमान 29 अप्रैल 1941 को 45.6 डिग्री से. दर्ज किया गया था.
दिल्ली में भीषण गर्मी, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट
उत्तरपश्चिमी भारत में मार्च के अंतिम सप्ताह से सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया है और मौसम विशेषज्ञ इसके लिए उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. क्षेत्र को अफगानिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण बादल छाए रहने की वजह से पिछले सप्ताह थोड़ी राहत मिली थी.
राष्ट्रीय राजधानी में 28 अप्रैल से लू चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मौसम की चेतावनी के लिए चार रंगों के कोड का उपयोग करता है - हरा (कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), पीला (नजर रखें और अद्यतन रहे), नारंगी (तैयार रहें) और लाल (कार्रवाई करें) .
आईएमडी ने कहा कि लू से प्रभावित इलाकों में कमजोर लोगों जैसे कि शिशुओं, बुजुर्गों, क्रमिक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए ‘मध्यम' स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं. उसने कहा, ‘इन क्षेत्रों के लोगों को गर्मी में निकलने से बचना चाहिए, हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनने चाहिए और सिर पर कपड़े, टोपी या छाते से अपना बचाव करना चाहिए.'
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शहर में इस साल अप्रैल में आठ दिन लू चली जो 2010 के बाद से सबसे अधिक है. दिल्ली में शुक्रवार और रविवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने, हल्की बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी हवा चलने का अनुमान है, जिससे थोड़ी राहत मिलने के आसार है . मैदानी इलाकों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक अथवा सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है तब लू जैसे हालात की घोषणा की जाती है .
आईएमडी के अनुसार, यदि तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री से अधिक है, तो इसे गंभीर लू जैसी स्थिति घोषित की जाती है. मौसम विभाग ने पहले कहा था कि उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के आसपास के हिस्सों में अप्रैल में अधिक तेज और लगातार लू की स्थिति देखे जाने की आशंका है. भारत में पिछले 122 वर्ष में इस साल मार्च का महीने सबसे गर्म रहा और इस दौरान देश के बड़े हिस्से को भीषण गर्मी के प्रकोप का सामना करना पड़ा था.