दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर शिक्षा विभाग ने जारी किया नया आदेश, अब कह दी ये बात

इतना ही नहीं आवारा कुत्तों की समस्या के लिए संस्थानों के गेट पर नोडल अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए ताकि लोग जरूरत पड़ने पर इसकी शिकायत कर पाएं.

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  • दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में आवारा कुत्तों की गिनती करने वाली खबर को गलत बताया है
  • नए आदेश में नोडल अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर संस्थानों के गेट पर लिखना अनिवार्य होगा
  • सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को नसबंदी, टीकाकरण के बाद आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं
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नई दिल्ली:

सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षक अब कक्षाओं में पढ़ाने के साथ-साथ सड़क पर आवारा कुत्तों की गिनती करने वाली खबर को दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने गलत बताया है. शिक्षा विभाग के नए आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कार्यालय, स्टेडियम और स्कूलों में आवारा कुत्ते अपना ठिकाना न बना पाए इसके लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है. जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी शैक्षिक संस्थान और खेल परिसरों की जानकारी लेने के अलावा आवारा कुत्ते न आने पाएं, इसके लिए बाउंड्री वॉल, गेट और दूसरे मजबूत उपाय किए जाएं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन किया जा सके. 

इतना ही नहीं आवारा कुत्तों की समस्या के लिए संस्थानों के गेट पर नोडल अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए ताकि लोग जरूरत पड़ने पर इसकी शिकायत कर पाएं. यही नहीं जानवरों के आसपास के व्यवहार, जानवरों के काटने की स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा और तत्काल रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल पर छात्रों और कर्मचारियों के लिए जागरूकता सत्र आयोजित करना भी, उनकी ही ज़िम्मेदारी होगी.साथ ही 24×7 सुरक्षा (स्टेडियम/स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स) आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए 24×7 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित करना.

सुप्रीम कोर्ट ने किया दिया था निर्देश 

आपको बता दें कि सात नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि "सड़कों पर घूमते आवारा जानवरों से परेशान शहर, बच्चे भुगत रहे हैं कीमत" से संबंधित निर्देश दिया था कि शैक्षिक संस्थानों में आवारा कुत्ते बच्चों को परेशान या काटने न पाए इसको सुनिश्चित किया जाए. उसके बाद दिल्ली सरकार की बैठक में इस आदेश के पालन को क्रियान्वित करने के लिए बैठक किया गया था. 

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (DoE) ने एक ताजा आदेश जारी कर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे इस गणना अभियान के लिए शैक्षणिक संस्थानों से नोडल अधिकारी नियुक्त करें. दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में आवारा कुत्तों से आम जन की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर स्कूलों को यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने सर्कुलर जारी किया था कि वो यह सुनिश्चित करें कि स्कूल के अंदर कोई आवारा कुत्ता ना हो.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला

शिक्षा निदेशालय के अनुसार, यह कवायद जन सुरक्षा और माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 नंवबर 2025 को दिए गए निर्देशों के पालन के लिए जारी किया गया था. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाकर उन्हें निर्धारित आश्रय स्थलों (shelters) में भेजा जाए. स्थानांतरण से पहले इन कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है. निदेशालय ने इस कार्य को "शीर्ष प्राथमिकता" वाला बताया है. उत्तर-पश्चिम जिले से ही लगभग 118 सरकारी शिक्षकों को इस सूची में शामिल किया गया है.

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