ये क्या चमत्कार, नैनीताल-मनाली जैसी बेहतर हुई दिल्ली की आबोहवा, 8 साल में सबसे कम प्रदूषण

Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर की हवा में इन दिनों आप खुलकर सांस ले सकते हैं. हवा इन दिनों काफी साफ है. दिल्ली-एनसीआर में इस साल जनवरी से अगस्त के बीच पिछले आठ सालों में अब तक का सबसे अच्छा वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया है. दिल्ली-एनसीआर में इस साल AQI का औसत 172 दर्ज किया गया है.

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8 सालों में अब तक का सबसे बेहतरी AQI
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  • दिल्‍ली-एनसीआर में इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक पिछले आठ वर्षों में सबसे बेहतर वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज हुआ है.
  • कोरोना लॉकडाउन के दौरान दिल्‍ली की हवा सबसे साफ हुई थी, जब एक्यूआई स्तर 147 तक गिर गया था.
  • इस वर्ष अगस्त में दिल्‍ली का औसत एक्यूआई स्तर 89 रहा, जो मौसम की अनुकूलता के कारण संभव हुआ है.
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नई दिल्‍ली:

Delhi Air Quality: दिल्‍ली की आबोहवा इन दिनों हिल स्‍टेशनों के मौसम का टक्‍कर दे रही है. दिल्‍लीवालों को ऐसा लग रहा है कि वो नैनीताल-मनाली जैसे हिल स्‍टेशन की हवा में सांस ले रहे हैं. दिल्‍ली में इन दिनों वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) इतना कम है कि लोगों को हैरानी हो रही है. सोमवार को दिल्‍ली में एक्यूआई लेवल 60 दर्ज किया गया. बीते कुछ सालों की तुलना में कोरोना महामारी के दौरान दिल्‍ली की आबोहवा इतनी साफ हुई थी, जब यहां लॉकडाउन लगा और सबकुछ बंद था. 

8 सालों में अब तक का सबसे बेहतरी AQI

दिल्ली-एनसीआर में इस साल जनवरी से अगस्त के बीच पिछले आठ सालों में अब तक का सबसे अच्छा वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया है. दिल्ली-एनसीआर में इस साल AQI का औसत 172 दर्ज किया गया है. वहीं, पिछले साल जनवरी-अगस्त की अवधि में यह 187 दर्ज किया गया था. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के वर्ष 2020 में ही AQI गिरकर 147 पर आ गया था. इसके बाद से अब एक्‍यूआई में इतनी गिरावट देखने को मिली है.

दिल्‍ली में कैसे हुआ चमत्‍कार?

बीते कुछ सालों में सर्दी के मौसम में दिल्‍ली गैस चैंबर में बदल जाती है. फिर अगस्‍त के महीने में दिल्‍ली में ये चमत्‍कार कैसे देखने को मिला? मंत्रालय का कहना है कि मौसब की मेरबानी के कारण दिल्‍ली एनसीआर में यह चमत्‍कारी बदलाव देखने को मिल रहा है. अनुकूल मौसम कुछ और दिनों तक भी मेहरबान रह सकता है. अगस्त महीने में दिल्ली का औसत AQI 89 दर्ज किया गया. साल 2025 में जनवरी से अगस्त की अवधि में एक भी दिन ऐसा नहीं होगा, जब औसत AQI 400 से अधिक रहा हो.  

जब गैस चैंबर बन जाती है दिल्‍ली 

दिल्‍ली की आबोहवा को लेकर जमकर राजनीति होती रही है. नवंबर दिसंबर में समस्‍या काफी बढ़ जाती है, जब दिल्‍ली किसी गैस चैंबर की तरह बन जाती है. एक्‍यूआई लेवल 500 के पार भी पहुंच जाता है. लोगों को सांस लेना मुश्किल हो जाता है. अस्‍थमा और अन्‍य बीमारी से जूझ रहे लोगों की तो जान पर बन आती है. ऐसे में उम्‍मीद की जा सकती है कि दिल्‍ली में इस बार ऐसी स्थिति न देखने को मिले.  

दिल्‍ली में सोमवार को शाम चार बजे एक्यूआई 60 दर्ज किया गया, जो ‘संतोषजनक' श्रेणी में आता है.  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा', 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक', 101 से 200 के बीच ‘मध्यम', 201 से 300 के बीच ‘खराब', 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर' माना जाता है.

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