- दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
- पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहनों को पकड़ने के लिए ANPR कैमरे लगाए गए हैं.
- 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल गाड़ी जब्त हो रही हैं.
- जब्त वाहनों को रजिस्टर्ड स्क्रैपर को सौंपा जाएगा जो मालिकों को स्कैप वैल्यू देंगे.
दिल्ली में तय समयसीमा पूरी कर चुके (End of Life) वाहनों को जब्त करने का काम 1 जुलाई मंगलवार से शुरू कर दिया गया. इसके तहत राजधानी के पेट्रोल पंपों पर आने वाले पुराने वाहनों पर पैनी नजर रखी जा रही है. 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और 15 साल से पुराने डीजल वाहनों को जब्त किया जा रहा है. पहले दिन मर्सिडीज़ से लेकर कई दुपहिया वाहनों को ज़ब्त किया गया.
अभियान के पहले दिन 24 वाहनों को जब्त किया गया. परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, 98 वाहन कैमरे में कैद हुए जिनमें से 80 को नोटिस जारी किया गया। उन्होंने बताया कि इसमें 45 नोटिस परिवहन विभाग द्वारा, 34 दिल्ली पुलिस द्वारा और एक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा जारी किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने पार्लियामेंट सर्कल एरिया में एक पेट्रोल पंप से दो पुराने दोपहिया वाहनों को जब्त किए जाने की जानकारी दी. ट्रैफिक इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि पार्लियामेंट सर्कल एरिया में चार पेट्रोल पंप हैं. इसमें से भाई वीर सिंह मार्ग पर स्थित पेट्रोल पंप से 15 साल से ज्यादा पुरानी दो मोटर साइकिलें जब्त की गई हैं.
पुराने वाहन जब्त करने के बाद की प्रक्रिया बताते हुए ट्रैफिक इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि गाइडलाइंस के मुताबिक, जब्त वाहनों को रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपर को दिया जाता है. वहां से वाहन मालिक को नियमानुसार स्कैप वैल्यू दी जाती है.
ट्रैफिक इंस्पेक्टर कहते हैं कि पहले तो लोगों को ये समझना चाहिए कि प्रदूषण को देखते हुए ये नियम बनाए गए हैं. इन पुराने वाहनों को अब इंश्योरेंस कंपनियों भी बीमा प्रदान नहीं कर पाती हैं. ऐसे में इन्हें चलाने वाले और सड़कों पर चलने वाले दोनों ही लोगों के लिए ये खतरे की तरह हैं.
इससे पहले, आश्रम चौक स्थित एक पेट्रोल पंप पर आई एक मर्सिडीज बेंज कार को सीज कर दिया गया था. देखने में ये कार काफी चमचमाती लग रही थी, लेकिन ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे ने जब उसका नंबर अनाउंस किया तो लोग हैरान रह गए. इसके बाद मर्सडीज कार को जब्त कर लिया गया.
बता दें कि समयसीमा पूरी कर चुके वाहनों को जब्त करने के लिए राजधानी के सभी 498 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटेड नंबर प्लेट रीडिंग (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे पुराने वाहनों को उनकी नंबर प्लेट से तुरंत पहचान लेते हैं और अलर्ट कर देते हैं. पेट्रोल पंप पर तैनात पुलिस या ट्रांसपोर्ट विभाग की टीमें इन गाड़ियों का चालान या ज़ब्त कर रही है. राजधानी में मियाद पूरी कर चुके वाहनों की संख्या करीब 68 लाख बताई जा रही है.
CAQM का कहना है कि दिल्ली में 28 फ़ीसदी प्रदूषण के लिए गाड़ियां ज़िम्मेदार हैं, लेकिन सवाल ये है कि अकेले दिल्ली की EOL गाड़ियों को ज़ब्त करने से क्या प्रदूषण उतना कम हो पाएगा जबकि नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में ये सिस्टम लागू नहीं है.