- दिल्ली नगर निगम के 12 वार्डों में हुए उपचुनावों की मतगणना 3 दिसंबर को 10 केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच होगी
- उपचुनाव में 26 महिलाओं सहित कुल 51 उम्मीदवार मैदान में थे, भाजपा ने इस बार आठ महिलाओं को टिकट दिया है
- उपचुनाव के नतीजे भाजपा और आम आदमी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो दिल्ली की राजनीतिक स्थिति तय करेंगे
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 12 वार्डों में हुए उपचुनावों की मतगणना तीन दिसंबर यानी बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच होगी. इस मतगणना में 51 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला होगा. इन उम्मीदवारों का भाग्य 30 नवंबर को ईवीएम में बंद हो गया था. राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने वोटों की गिनती के लिए 10 सेंटर बनाए हैं. नतीजे दोपहर तक घोषित होने की संभावना है.
उपचुनाव में 26 महिलाओं सहित 51 उम्मीदवार मैदान में
इस बार के एमसीडी चुनाव में लगभग 40 फीसदी ही मतदान हो सका था, जबकि 2022 के चुनावों में 50.47 प्रतिशत लोगों ने अपना वोट दिया था. इस उपचुनाव में 26 महिलाओं सहित 51 उम्मीदवार मैदान में थे. भाजपा ने आठ महिला उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा था. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने छह और कांग्रेस ने पांच महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था.
एसईसी ने एक बयान में कहा कि पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए, सभी काउंटिंग सेंटरों को बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्टर, सुरक्षा और निगरानी तंत्र से लैस किया गया है.
एसईसी ने कहा कि कंझावला, पीतमपुरा, भारत नगर, सिविल लाइंस, राउज एवेन्यू, द्वारका, नजफगढ़, गोल मार्केट, पुष्प विहार और मंडावली समेत जिलों में कुल 10 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं.
इसमें कहा गया कि प्रत्येक केंद्र विशिष्ट वार्डों की काउंटिंग करेगा, जिसमें स्ट्रांग रूम की सुविधा और सुरक्षित प्रवेश-निकास प्रोटोकॉल होंगे.
इन उपचुनावों को विश्लेषकों द्वारा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई वाली भाजपा की दिल्ली सरकार के प्रदर्शन पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है. इससे नगर निगम सदन में पार्टी की स्थिति में भी काफी बदलाव आ सकता है.
2022 में 250 सीटों पर हुए थे नगर निगम चुनाव
दिसंबर 2022 में नगर निगम चुनाव 250 सीटों पर हुए थे. पार्टी की स्थिति में कई बदलावों के बाद मौजूदा एमसीडी सदन में भाजपा के 115 पार्षद हैं. भाजपा उपचुनावों में 12-0 से जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, ताकि 250 सदस्यीय नगर निगम सदन में 125 के पूर्ण बहुमत के आंकड़े तक पहुंच सके.
भाजपा के अच्छे प्रदर्शन से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का कद बढ़ने की उम्मीद है. उनकी ई-बस, स्वास्थ्य और बीमा कल्याणकारी योजनाओं और छठ व्रतियों के लिए व्यवस्थाओं के लिए सकारात्मक सार्वजनिक रिपोर्ट कार्ड पेश होने की उम्मीद है.
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीट जीतकर 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की थी और ‘आप' को सत्ता से बेदखल किया था.













