Delhi: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने NCERT की नकली किताबें छापने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया है. इससे पहले नंदनगरी में उसके प्रिंटिंग कारखाने में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में NCERT की नकली पायरेटेड किताबें और उन्हें छापने का सामान बरामद हुआ था. क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव के मुताबिक, NCERT की किताबों की हमेशा से भारी मांग रही है. इसके अलावा, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने CBSE से संबद्ध स्कूलों के लिए NCERT की पुस्तकों को अनिवार्य बनाने का प्रयास किया है. सरकार का यह कदम इस आरोप के बीच आया है कि कई स्कूल कथित तौर पर छात्रों को निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं. स्कूलों के प्रबंधन को कथित तौर पर प्रकाशकों द्वारा उनकी किताबें निर्धारित करने के एवज में मोटी रकम का लाभ मिल रहा था. सरकार के इस कदम के परिणामस्वरूप, एनसीईआरटी पुस्तकों की मांग में अचानक वृद्धि हुई. इसी बीच असामाजिक तत्वों ने पायरेटेड किताबें छापकर स्थिति का फायदा उठाया और उन्हें विक्रेताओं को अधिक लाभ का लालच देकर फंसाया.
एक ऐसे ही मामले में सूचना प्राप्त हुई थी कि यमुना पार क्षेत्र में पायरेटेड NCERT पुस्तकों को छापने में एक शख्स शामिल है.ये पायरेटेड किताबें बाजार में सस्ती दरों पर बेची जा रही हैं, जिससे NCERT को भारी राजस्व हानि हो रही है. ऑफ़सेट यूनिट 6वीं से 12वीं तक की अलग अलग विषयों की पायरेटेड NCERT पुस्तकें प्रकाशित कर रही है. क्राइम ब्रांच की एक टीम ने इस सूचना पर कार्रवाई करने के लिए NCERTके निदेशक से मदद मांगी थी.नंद नगरी के मंडोली इलाके में नकली किताबें छापने वाले कारखाने पर बीते 18 सितंबर को NCERT की टीम के साथ क्राइम ब्रांच ने छापेमारी की जहां पूरे सेटअप का पता चला था।
मौके से छपे हुए 80 हज़ार पेज, जिनसे 12 हज़ार पायरेटेड किताबें तैयार की जा सकती हैं, बरामद हुए. इसके अलावा बड़ी मात्रा में किताबें छापने का सामान, NCERT की 5000 पायरेटेड किताबें, बड़ी मात्रा में NCERT वॉटरमार्क वाला सादा कागज जिसका इस्तेमाल पायरेटेड किताबों की छपाई के लिए किया जा रहा था, बरामद किया गया है. छापेमारी के दौरान नकली किताबें छापने वाला आरोपी 38 साल का मनोज जैन भाग गया था, उसे 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया.पुलिस के मुताबिक मनोज स्कूल ड्रॉपआउट है. उसने पहले एक प्रिंटिंग प्रेस में काम किया और उसके बाद लगभग 7-8 साल पहले अपना खुद का प्रिंटिंग प्रेस शुरू किया. लॉकडाउन के कारण उसे अपने व्यवसाय में भारी नुकसान हुआ. नुकसान को कवर करने और ज्यादा पैसे कमाने के लिए उसने NCERT की पायरेटेड पुस्तकों को छापना शुरू कर दिया क्योंकि ये किताबें पूरे भारत में बड़े पैमाने पर प्रचलन में हैं.मामले में आगे की जांच जारी है.
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