दिल्ली: आवंटन के इंतजार में खंडहर हो गए गरीबों के मकान, 2500 करोड़ की लागत से बने थे 35000 फ्लैट्स

घोगा गांव से करीब चार किमी दूर नरेला में गरीबों के लिए इस तरह के करीब 1700 फ्लैटस बनाए गए. सालों से खाली पड़े इन फ्लैट्स के दरवाजे और खिड़कियों तक को चोरों ने गायब कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली में एक तरफ अवैध झुग्गियों पर बुलडोजर चल रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ झुग्गी वालों के लिए बनाए फ्लैट खंडहर हो गए हैं. ये फ्लैट्स एक दो नहीं बल्कि 18 हजार से ज्यादा हैं. बीते महीने भर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक के बाद एक अवैध बस्तियों पर बुलडोजर चले हैं. कुछ को EWS मकान मिले, लेकिन बहुत से लोग फ्लैट्स नहीं मिलने से नाराज़ हैं.

लोगों का कहना है कि सबको मकान कहां दिया गया, सरकार से केवल 189 लोगों को फ्लैट्स मिला है, और लोग कहां जाएंगे. हम यहां 30-40 साल से रहते थे, अब सरकार ने हमें नोटिस थमा दिया.

कोर्ट के आदेश पर अवैध झुग्गियों पर बुलडोजर :-

  • 1 जून - बारापुला नाले के ऊपर बसी मद्रासी कॉलोनी ज़मींदोज
  • 3 जून - वज़ीराबाद में रेलवे की ज़मीन पर बने मकानों पर चला बुलडोजर
  • 7 जून - कालका जी के भूमिहीन कैंप के मकानों को तोड़ा गया

दिल्ली को झुग्गीमुक्त करने के लिए 20 साल पहले योजना बनी. 35 हज़ार से ज़्यादा ग़रीबों के घर भी बनाए गए, ताकि इस तरह के झुग्गी वालों को मकान देकर इनको बसाया जाए, लेकिन गरीबों के उन मकानों के हाल बेहद खराब हैं.

Advertisement
कालका जी के भूमिहीन कैंप से क़रीब 60 किमी दूर बवाना और नरेला के इलाक़े में ग़रीबों के मकान बनाने की शुरुआत 2005 में हुई और योजना का नाम रखा गया राजीव रत्न आवास योजना. लेकिन गरीबों के साथ भद्दा मजाक और टैक्स पेयर के पैसों के साथ लापरवाही की गई. गरीबों के लिए मकान बने, लेकिन इसमें कोई रहा भी नहीं और अब ये खंडहर बनकर गिर रहे हैं.

दिल्ली को झुग्गी मुक्त करने की योजना के लिए 2005 से लेकर 2013 तक इस तरह के 35000 EWS मकान बनाए गए. NDTV ने एक दो नहीं बल्कि 5000 से ज्यादा फ्लैट्स की पड़ताल की. दिल्ली के घोगा गांव में ग़रीबों के लिए 3980 फ्लैट्स तैयार हुए, लेकिन इनकी हालत बेहद जर्जर हैं. नशेड़ियों ने इन इमारतों के पिलर के सरिए काट दिए. इसके चलते 9 फ्लैट्स गिर चुके हैं. छतों तक जाने के लिए सीढ़ियां ग़ायब हैं. जगह-जगह नोटिस लगाकर फ्लैट्स के पास नज़दीक तक जाने से मना किया जा रहा है.

Advertisement

घोगा गांव से करीब चार किमी दूर नरेला में भी ग़रीबों के लिए इस तरह के करीब 1700 फ्लैटस बनाए गए. सालों से ख़ाली पड़े इन फ्लैट्स के दरवाजे और खिड़कियों तक को चोरों ने ग़ायब कर दिया है. ये गरीबों के मकान हैं. कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी और अब बीजेपी का दिल्ली में शासन है, लेकिन सरकार ग़रीबों को देने के लिए कोई पॉलिसी तक तैयार नहीं कर पाई. लिहाजा अब ये खंडहर बन रहे हैं.

Advertisement

गरीबों को ये मकान मिले क्यों नहीं?

वहीं चोरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए अब 24 घंटे हथियारबंद सुरक्षाकर्मी इन फ्लैट्स की सुरक्षा कर रहे हैं. सवाल ये उठता है कि गरीबों को ये मकान मिले क्यों नहीं? इसको लेकर हमने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी तीनों से सवाल पूछा. कांग्रेस ने कहा कि इसे हमारी सरकार के दौरान बनाया गया था, लेकिन अलॉट करने से पहले हमारी सरकार चली गई. चुंकि ये योजना राजीव गांधी के नाम पर है, इसलिए दूसरी सरकारों ने लोगों को ये फ्लैट्स अलॉट नहीं किया. वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि हम जल्द ही इन फ्लैट्स की मरम्मत का काम शुरू करवाएंगे.

Advertisement

अब आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी झुग्गी वालों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि बीते पांच साल में महज 1293 झुग्गी वालों का ही पुनर्वास हुआ. बीजेपी सत्ता में है, लेकिन सौ दिन पूरे होने के बावजूद 2500 करोड़ की लागत से 18000 फ्लैट्स पर अभी तक कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले पाई है.

Featured Video Of The Day
Karol Bagh Vishal Mega Market Fire: करोल बाग में विशाल मेगा मार्ट में आग से 1 व्यक्ति की मौत