Delhi News: दक्षिणी पूर्वी दिल्ली के अमर कॉलोनी इलाके में 75 साल की बुज़ुर्ग महिला की हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है. मामले में पुलिस ने मृतक महिला की पूर्व घरेलू सहायिका और उसके पति को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक हत्या को लूट के लिए अंजाम दिया गया. स्पेशल सीपी सागरप्रीत हुड्डा के मुताबिक, बीते 8 नवंबर को अमर कालोनी इलाके में एक फ्लैट की पहली मंजिल पर एक महिला के बेहोशी की हालत में पड़े होने की सूचना मिली. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और 75 साल की कुलवंत कौर को बेहोशी की हालत में पाया. PCR वैन ने पीड़िता को तुरंत ईस्ट ऑफ कैलाश के एनएचआई अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की गई.
मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए एसीपी प्रदीप कुमार, एसएचओ प्रदीप कुमार, इंस्पेक्टर ऐशवीर सिंह, इंस्पेक्टर राजिंदर डागर, इंस्पेक्टर संदीप कुमार, एसआई अंकुर कुमार, एसआई फूल सिंह, हेड कांस्टेबल रविंदर गिरी, हेड कांस्टेबल नीरज, हेड कांस्टेबल दिनेश, हेड कांस्टेबल शेर सिंह और हेड कांस्टेबल तेजेंद्र अत्री की टीम ने जांच शुरू की. मौका-ए-वारदात को देखने और मृतका के गर्दन औए कान पर चोट के निशान से ये साफ था कि उसके गहनों को जबरदस्ती निकाला गया है लेकिन घर में एंट्री फ्रेंडली थी. इसलिए शक हुआ कि हत्या के पीछे कोई जानकार शामिल है. इसके बाद पुलिस ने परिवार के लोगों से पूछताछ शुरू की लेकिन कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई.जांच से पता चला कि मृतक महिला के घर की तरफ कोई CCTV कैमरा नहीं था. इसके बाद टीम ने घरेलू सहायिका और फेरीवालों की जांच शुरू की
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि रानी नाम की एक घरेलू सहायिका, जो 15 साल पहले से उनके घर में काम करती थी, हाल ही में घर आई थी और बुजुर्ग महिला से मिली थी. मृतका ने अपनी बेटियों को रानी के आने की जानकारी भी दी थी. वर्तमान घरेलू सहायिका शमीना उर्फ सीमा ने बताया कि रानी का नंबर एक कागज पर लिखकर घर में कहीं रख दिया था. घर की गहन तलाशी ली गई और रानी के नंबर वाले कागज की चिट बरामद की गई. संदिग्ध रानी का पता लगाने के लिए इस फोन नंबर की तकनीकी निगरानी और सीडीआर विश्लेषण किया गया. इसके बाद पुलिस छतरपुर एन्क्लेव पहुंची, जहां रानी और उसके पति योगेश अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ के दौरान आरोपी रानी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. रानी के घर से पुलिस ने 83 बोतल विदेशी शराब भी बरामद की है. घर की तलाशी में एक देशी पिस्टल बरामद हुई. पूछताछ करने पर आरोपी योगेश और रानी ने खुलासा किया कि उन्हें पैसे की सख्त जरूरत थी क्योंकि आरोपी योगेश के पास अपने पिता से विरासत में मिली दुकान से केवल 7,000 रुपये की मामूली किराये की आय होती थी. रानी फिलहाल पश्चिमी दिल्ली में घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही थी और अभी एक महीने की छुट्टी पर है. दोनों ने बीते 6 नवंबर यानी हत्या से दो दिन पहले रानी के पीड़िता के घर पहली बार मिलने के बाद हत्या की योजना बनाने की बात कुबूल की. रानी ने देखा कि वृद्ध महिला अकेली रह रही थी और उसकी तीनों बेटियां अलग रहती हैं इसलिए वो असहाय है. इसलिए लूट के मकसद से उन्होंने बुज़ुर्ग महिला की हत्या कर दी. पुलिस के मुताबिक, 25 साल की रानी मूलरूप से झारखंड की रहने वाली है, वो बहुत पहले दिल्ली आई थी. कई सालों से घरेलू सहायिका का काम कर रही थी. उसने कथित तौर पर कुछ साल पहले मृतका के घर में काम किया था और चार साल से अधिक समय तक यहां रही. रानी ने आगे बताया कि उसने घर की मालकिन का विश्वास जीत लिया है और जब वह अचानक नवंबर को और फिर 8 नवंबर को मिलने आई तो बुजुर्ग महिला बेहद खुश थी. आरोपी योगेश फिलहाल बेरोजगार है. शुरू में वह एक छोटा सा रेस्टोरेंट चलाता था लेकिन महामारी के दौरान इसे बंद कर दिया और अब अपनी दुकान से थोड़ा सा किराया ही कमा रहा है.
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