नेहरु प्‍लेस मार्केट के व्‍यापारियों पर 'दोहरी मार', लॉकडाउन ने कमर तोड़ी अब सौंदर्यीकरण का काम बढ़ा रहा मुश्किलें

दिल्ली में बारिश हुए पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन नेहरु प्लेस के बड़े  इलेक्ट्रानिक शोरूम में अभी भी पानी भरा है. मोटर के जरिये इस पानी को निकाला जा रहा है.

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नेहरु प्लेस में सात हजार से ज्यादा दुकानें हैं जहां से आईटी-टेक्सटाइल का व्यापार देश और विदेश में होता है (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली:

Delhi: दिल्‍ली ही नहीं, देश की सबसे बड़ी कंप्यूटर हार्डवेयर मार्केट नेहरु प्लेस की पहले कोरोना के लॉकडाउन ने कमर तोड़ी. अब डीडीए के सौंदर्यीकरण के काम ने इसे बदहाली के कगार पर पहुंचा दिया है. तीन साल पहले शुरू हुए  100 करोड़ के डेवलेपमेंट काम की सुस्त रफ्तार को लेकर  व्यापारियों में खासी नाराजगी है और काम की 'कछुआचाल' से उनके कारोबार को नुकसान हो रहा है. हालत यह है कि नेहरु प्लेस में जगह-जगह 'वर्क इन प्रोग्रेस' का बोर्ड आपको लगा हुआ मिल जाएगा. खुदे पड़े फर्श, चारों तरफ बिखरा सामान और जगह-जगह कूड़े का ढेर...देश की सबसे बड़ी आईटी मार्केट नेहरु प्लेस की हकीकत इस समय यही है.  इस साल मार्च में नेहरु प्लेस को चमकाने का वादा था लेकिन डीडीए के काम की सुस्त रफ्तार से व्‍यापाारी परेशान हैं.

दिल्ली में बारिश हुए पांच दिन बीत चुके हैं लेकिन नेहरु प्लेस के बड़े  इलेक्ट्रानिक शोरूम में अभी भी पानी भरा है. मोटर के जरिये इस पानी को निकाला जा रहा है. चूंकि डीडीए का सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. ऐसे में थोड़ी सी बारिश भी होती है तो पानी भर जाता है..यहां कई नामी ब्रैंड के टैक्सटाइल के गोदाम में पानी भर गया, जिससे व्‍यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. बारिश के कारण एक दुकान के गोदाम में रखे करोड़ों रुपये के कपड़ों को काफी नुकसान पहुंचा. कई बहुमंजिला इमारतों के बेसमेंट में अभी भी पानी भरा है.

गौरतलब है कि नेहरु प्लेस एरिया में सात हजार से ज्यादा दुकानें है जहां आईटी और टेक्सटाइल का व्यापार देश और विदेश में होता है. एक अनुमान के मुताबिक, इस बाजार में रोजाना करीब तीन लाख से ज्यादा लोग आते हैं लेकिन अब बिल्डिंग की बेसमेंट में पानी भरने से इमारतें लगातार खराब हो रही हैं. डीडीए ने अगर ये समस्याएं नहीं देखी तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.

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