दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कोरोना महामारी (COVID-19) से जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को आर्थिक मदद देने की योजना की मंगलवार को शुरुआत की. इसका नाम 'मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना' है. योजना का ई- डिस्ट्रिक्ट पोर्टल लांच किया गया. इस पर ही मुआवज़े और पेंशन के लिए आवेदन हो सकेगा. इस दौरान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सब लोग जानते हैं किस तरह से पिछले डेढ़ साल से पूरी मानव जाति कोरोना से पीड़ित है.
उन्होंने कहा कि केवल भारत नहीं पूरी दुनिया पर इसका प्रकोप है. हमारे देश में दो लहर आ चुकी हैं. पहली लहर पिछले साल और दूसरी इस साल अप्रैल के महीने में. देश के लिए दो लहर हो सकती है, लेकिन दिल्ली के लिए यह चौथी लहर थी. दिल्ली की चौथी वेव बहुत ज्यादा गंभीर थी. बहुत ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए. शायद ही कोई परिवार ऐसा बचा होगा, जो कोरोना संक्रमित न हुआ हो और दूसरा इसमें बहुत से लोगों की जान गई.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, "बहुत से ऐसे मामले भी दिखाई दे रहे हैं, जिसमें बच्चे अनाथ हो गए और बच्चों को पालने वाला कोई नहीं है. परिवार को पालने वाले की मृत्यु हो गई और घर चलाने वाला कोई नहीं है. ऐसे में जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि हम उन सब लोगों का इस मुसीबत के वक्त में साथ दें."
केजरीवाल ने कहा कि आज जिस योजना का शुभारंभ किया जा रहा है. उस योजना में यह है जिस किसी के घर में कोरोना से मृत्यु हुई तो 50,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. जिनके घर में कमाने वाले की मृत्यु हो गई है उनको सहारा दिया जाए, जिन बच्चों ने अपने मां-बाप को खो दिया है. चाहे माता-पिता में से किसी एक की कोरोना से मृत्यु हुई हो उनको 2500 रुपए महीने की सहायता मिलेगी. लोग खुद भी पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने के नाते हम इंतजार नहीं कर रहे कि लोग आवेदन करेंगे बल्कि एक-दो दिन बाद से दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि उन लोगों के घर जाएंगे और लोगों से फॉर्म भरवा कर आवेदन करवाएंगे. जो लोग पीड़ितों के घर जाने वाले हैं, उनको कहना चाहता हूं कि आपको उनके कागजात में कमियां या नुक्स नहीं निकालना है. अगर कोरोना से मौत हुई है तो उनको ये मुआवज़ा मिलना चाहिए और अगर उनके घर में किसी कागज की कमी है तो उस कागज को बनवाने की जिम्मेदारी आपकी है, मेरी है, सरकार की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉर्म भरवाना, आवेदन करवाना, चेक दिलवाना हमारी जिम्मेदारी है. हमको यह देखना है कि हम कैसे यह राशि उन तक पहुंचा सकते हैं. उनके कागजों में कोई कमी ना निकाले वह पहले ही बहुत दुखी हैं. अगर आप कमी निकाल लोगे तो यह उनके जले पर नमक छिड़कने जैसा होगा.
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