दिल्ली दंगे के 2 आरोपियों को अदालत ने आरोप से किया बरी

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगे के दो आरोपियों को बरी करते हुए अदालत ने कहा कि एकमात्र गवाह के ‘संदिग्ध व्यक्ति’ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगे के दो आरोपियों को बरी करते हुए अदालत ने कहा कि एकमात्र गवाह के ‘संदिग्ध व्यक्ति' होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर और कुछ गवाहों की व्यवस्था कर ‘जांच का दिखावा' किया गया. ऐसे में सबूत कैसे अदालत की कसौटी पर खरे उतरेंगे.

 अदालत ने कहा कि यह ‘‘पीड़ितों की पीड़ा के प्रति पूरी तरह से उदासीनता है.'' अदालत अजय और गौरव पांचाल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर रही थी, जिनपर दंगाइयों के गैर कानूनी जन समूह का सदस्य होने, अवैध हथियारों से लैस होने और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ लेकर तोड़-फोड़, हिंसा, आपराधिक घुसपैठ और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप थे.

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, दोनों आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने 25 फरवरी 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली के मीत नगर में कपड़ों की दुकान में तोड़-फोड़ और लूटपाट की थी. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिनव पांडेय ने 16 दिसंबर को सुनाए गए आदेश में कहा, ‘‘मेरी राय है कि अभियोजन संदेह से परे अपने मामले को स्थापित करने में विफल रहा. इसलिए आरोपियों को बरी किया जाता है.''

ये भी पढ़ें:- 
कंझावला केस: लड़की को घसीटने के आरोपियों ने कुछ घंटे पहले ही दोस्‍त से मांगी थी कार- पुलिस
नोटबंदी पर केंद्र सरकार का फैसला सही, सुप्रीम कोर्ट ने 6 अहम सवालों के दिए जवाब

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Sharda Sinha Death: जिंदगी की जंग हार गईं लोक गायिका शारदा सिन्हा, 72 साल की उम्र में ली आखिरी सांस