दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia)ने भारतीय जनता पार्टी ( BJP) सांसद मनोज तिवारी की एक साल पुरानी अस्पताल बनाने में गड़बड़ी की शिकायत को उप राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना के द्वारा ACB को भेजने पर सवाल उठाए हैं. सिसोदिया ने कहा है कि अगर किसी जनसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत आती है तो जांच एजेंसी इस मामले में तब तक जांच शुरू नहीं कर सकती जब तक सरकार इसकी इजाजत न दे. इस मामले में निर्वाचित सरकार से इजाजत नहीं ली गई. दिल्ली के डिप्टी सीएम ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के मुताबिक, ऐसी किसी भी शिकायत पर 4 महीने के भीतर फैसला करना होता है जबकि इस मामले में शिकायत किए हुए करीब एक साल का समय हो चुका है.
सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली में बन रहे अस्पतालों को लेकर BJP वाले फर्जी शिकायत कर रहे हैं. LG साहब ने मनोज तिवारी की पुरानी शिकायत को ACB को भेज दिया है. उन्होंने कहा, "हम कटटर ईमानदार सरकार हैं और सैकड़ों जांच के लिए तैयार हैं लेकिन ये घटिया हरकत है. एक सरकार काम कर रही है तो अधिकारियो में डर फैलाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.' ढाई साल पहले बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सिसोदिया के खिलाफ शिकायत की थी, तब मानहानि का दावा किया तो कोर्ट में एक तथ्य साबित नहीं कर पाए.
उन्होंने कहा, "तिवारी अस्पताल बनाने में गड़बड़ की शिकायत कर रहे हैं. LG साहब ने एक साल पुरानी शिकायत को मंजूरी दी है. ये शिकायत तत्कालीन एलजी अनिल बैजल को एक साल पहले दी गयी थी लेकिन तब उन्होंने इस शिकायत को वाहियात बताकर जांच नहीं की. अब बिना प्रक्रिया को फॉलो किए LG ने उसी शिकायत को ACB को भेज दिया है. LG ने राज्य सरकार से कोई जानकारी नहीं ली है. LG साहब को अब दिल्ली के काम रुकवाने हैं या बिना क़ानून या प्रक्रिया को फॉलो किए बिना काम करना है.पुरानी शिकायत को अब क्यों संज्ञान लिया गया?" सिसोदिया ने बताया कि हमने इस मामले में LG को पत्र लिखा है और हम जांच के लिए तैयार है. जो भी दिल्ली में हम काम करने से रोकेगा, हम उससे लड़ेंगे.
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