प्रदूषण की चिंता के चलते देश की राजधानी दिल्ली में दीपावली पर पटाखे चलाने पर पूर्व प्रतिबंध है. दिल्ली में दिवाली पर पटाखे फोड़ने वालों को 6 महीने तक की जेल और 200 रुपये जुर्माना हो सकता है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को बताया था कि दिल्ली में पटाखों के प्रोडक्शन, स्टोरेज और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत 5000 रुपये तक का जुर्माना और 3 साल की जेल होगी. उन्होंने लोगों से अपील भी की कि इस दीपावली पर दीप जलाएं, पटाखे नहीं फोड़े. लोगों को जागरूक करने के लिए दिल्ली सरकार जनजागरण चलाएगी. इसकी शुरुआत कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क से होगी, जहां 51 हजार दीपक जलाए जाएंगे. पटाखों-आतिशबाजी पर इस बैन के चलते पुलिस ने पटाखे बेचने वालों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 1 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक इस अभियान के अंतर्गत पटाखों की बिक्री के उल्लंघन के 75 मामलों की पहचान की गई. इस अवधि के दौरान बिक्री के लिए स्टोर किए गए 13767.719 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए. पटाखे बैन उल्लंघन के छह मामलों की पहचान की गई.
गौरतलब है कि दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध को चुनौती देने वाली भाजपा नेता मनोज तिवारी की याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को स्वच्छ हवा में सांस लेने दें, अपना पैसा मिठाई पर खर्च करें. मनोज तिवारी के वकील शशांक शेखर झा ने निकट दीपावली का हवाला देते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की थी. तिवारी ने 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. गौरतलब है कि याचिका में कहा गया था कि जीवन के अधिकार के बहाने धर्म की स्वतंत्रता को नहीं छीना जा सकता है. मनोज तिवारी ने सरकार को पटाखों की बिक्री, खरीद और पटाखे चलाने के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. उन्होंने सामान्य प्रतिबंध पर सवाल उठाया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति दी थी.
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