दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को वेतन ना मिलने के मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सोमवार सुबह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है. यह बैठक सुबह 11 बजे होगी. दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित होते हैं यानि इनकी फंडिंग दिल्ली सरकार करती है. पिछले काफी समय से इन कॉलेजों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की तरफ से शिकायत आ रही है कि उनको वेतन नहीं मिल रहा है. कॉलेजों का कहना है कि दिल्ली सरकार पर्याप्त फंड नहीं दे रही है. वहीं दिल्ली सरकार लगातार कह रही है कि हम अपनी तरफ से सारा फंड जारी कर रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने नवंबर महीने में आरोप लगाया था कि जांच में पाया गया है कि 5 कॉलेजों में अनियमितता पाई गई हैं. वहीं इससे पहले मनीष सिसोदिया ने 12 कॉलेजों में फंड की कथित अनियमितता के मामले में पड़ताल के लिए शुक्रवार को डायरेक्टोरेट ऑफ हायर एजुकेशन को एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था.
शुक्रवार को दिल्ली सरकार के एक बयान के अनुसार सिसोदिया ने कहा कि यह देखने के बाद निर्देश दिया गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इन कॉलेजों में शिक्षक और गैर-शिक्षक कर्मियों का वेतन नहीं दिया गया है और अनेक कॉलेजों ने तीसरी तिमाही के अनुदानों का उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि अगर कॉलेजों ने वेतन नहीं दिया है तो कॉलेज के कोष का क्या किया गया? क्या वजह है कि उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किये गये? उन्होंने कहा कि उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं करने से वित्तीय अनियमितता का संकेत मिलता है.