शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने बताया था कि हाल ही में उसने क्रिप्टो एक्सचेंज ‘वजीरएक्स' (WazirX) के एक डायरेक्टर पर छापा मारकर 64.67 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया है. अब वजीरएक्स की ओर से दोहराया गया है कि कंपनी के संचालन सामान्य रूप से किए जा रहे हैं और क्रिप्टो व रुपये की निकासी से जुड़े काम भी प्रोसेस हो रहे हैं. इस क्रिप्टो एक्सचेंज ने रविवार शाम को ट्वीट किया कि वजीरएक्स के बारे में हालिया खबरों को देखते हुए हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि कंपनी का संचालन हमेशा की तरह किया जा रहा है.
इससे पहले शनिवार को वजीरएक्स ने कहा था कि वह ‘कई दिनों से' ईडी के साथ ‘पूरी तरह से सहयोग' कर रहा था और उनके सभी सवालों के जवाब पूरी तरह और पारदर्शी रूप से दिए हैं. इसके अलावा, वजीरएक्स ने कहा था कि कंपनी ED के लगाए गए आरोपों से सहमत नहीं है और ‘आगे की कार्रवाई की योजना' का मूल्यांकन कर रही है.
प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा था कि उसने जानमाई लैब्स (Zanmai Labs) के निदेशकों में से एक की तलाशी ली, जो वजीरएक्स के मालिक हैं. उनके बैंक बैलेंस को फ्रीज करने का आदेश जारी किया है. ईडी ने कहा था कि वजीरएक्स एक्सचेंज के डायरेक्टर के असहयोगी रुख के कारण 3 अगस्त 2022 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक तलाशी अभियान चलाया गया था. जांच में पता चला कि वजीरएक्स के डायरेक्टर समीर म्हात्रे (Sameer Mhatre) के पास वजीरएक्स के डेटाबेस का रिमोट एक्सेस है. इसके बावजूद वह क्रिप्टो संपत्तियों से संबंधित ट्रांजैक्शंस की डिटेल नहीं दे रहे हैं.
इससे पहले पिछले मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि ED, क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स के जरिए 2,790 करोड़ रुपये की कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है. उन्होंने बताया था कि एक मामले में अब तक की गई जांच से पता चला है कि वजीरक्स, केमैन आइलैंड बेस्ड एक्सचेंज बिनेंस के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर रहा था. जांच में पाया गया है कि इन दोनों एक्सचेंजों के बीच सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज नहीं किए जा रहे थे और रहस्य बने हुए थे. इस मामले में फेमा के प्रावधानों के तहत वजीरएक्स के खिलाफ कारण बताओ नोटिस (शोकॉज नोटिस) (SCN) जारी किया गया था.