Meta को Metaverse डिविजन पर 2.8 अरब डॉलर का घाटा

फेसबुक रिएलिटी लैब्स (FRL) कही जाने वाली इस डिविजन को शुरुआत के बाद से नुकसान उठाना पड़ रहा है

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सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के फाउंडर Mark Zuckerberg ने पिछले वर्ष अपनी कंपनी की Meta के तौर पर री-ब्रांडिंग की थी. इसके साथ ही उन्होंने मेटावर्स सेगमेंट में बड़ी योजना का संकेत दिया था. हालांकि, उनकी इस कोशिश को बड़ा झटका लगा है. मेटा की मेटावर्स डिविजन को इस वर्ष की दूसरी तिमाही में एक बार फिर भारी नुकसान हुआ है.

Zuckerberg ने तिमाही नतीजों की घोषणा में बताया कि फेसबुक रिएलिटी लैब्स (FRL) कही जाने वाली इस डिविजन का नुकसान लगभग 2.81 अरब डॉलर का रहा. इसने 45.2 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया, जो इससे पिछली तिमाही की तुलना में लगभग 35 प्रतिशत कम है. इसके बावजूद Zuckerberg को विश्वास है कि आगामी वर्षों में मेटावर्स टेक्नोलॉजी से कंपनी को फायदा होगा. उनका कहना था, "अगले कई वर्षों तक इस पर काफी खर्च होगा. मुझे विश्वास है कि मेटावर्स का इस्तेमाल बढ़ने के साथ हम इसे बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे." 

FRL को कंपनी की मेटावर्स में एक बड़ी ताकत बनने की योजना को पूरा करने के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कंटेंट डिवेलप करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए यह डिविजन Apple और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों के टेक वर्कर्स को हायर कर रही है. इनमें विशेषतौर पर ऑग्मेंटेड रिएलिटी (AR) से जुड़े लोग शामिल हैं. हाल ही में दक्षिण कोरिया की सरकार ने मेटावर्स प्रोजेक्ट्स को वित्तीय मदद देने के लिए 17.7 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की घोषणा की थी. इस सेगमेंट में इनवेस्टमेंट से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. मेटावर्स इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने के लिए इनवेस्टमेंट करने वाले शुरुआती देशों में दक्षिण कोरिया शामिल है. 

एक अनुमान के अनुसार, यह सेगमेंट अगले दो वर्षों में 800 अरब डॉलर तक पहुंच  सकता है. दक्षिण कोरिया के साइंस, इनफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजीज मिनिस्टर Lim Hyesook ने कहा था कि इस सेगमेंट में काफी संभावना है. सियोल मेट्रोपॉलिटन गवर्नमेंट ने सियोल को मेटावर्स में प्रवेश करने वाला दक्षिण कोरिया का पहला शहर बनाने की तैयारी की है. ऐसा कहा जा रहा है कि मेटावर्स से इंटरनेट के लिहाज से समानता एक नए स्तर पर पहुंच जाएगी. मेटावर्स को आगे बढ़ाने में गेमिंग इंडस्ट्री जैसे क्रिएटर्स का बड़ा योगदान होने की उम्मीद है. ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों Nissan और Toyota ने भी मेटावर्स में शुरुआत की है. जापान की इन कंपनियों की योजना अपने कस्टमर्स को वास्तविक लगने वाले वीडियो एक्सपीरिएंस से आकर्षित करने की है. 
 

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