प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने क्रिप्टोकरेंसी की पेशकश के नाम पर निवेशकों से करीब 1,200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में केरल के एक कारोबारी की संपत्तियां जब्त कर ली हैं. ईडी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि निशाद के और उसके सहयोगियों के खिलाफ यह कदम उठाया गया है. उन पर 'मॉरिस कॉइन क्रिप्टोकरेंसी' योजना लाकर जमाकर्ताओं को कथित तौर पर लुभाकर ठगने का आरोप है.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि धनशोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केरल के इस कारोबारी की संपत्तियां जब्त करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है. जब्त की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 36.72 करोड़ रुपये से अधिक है.
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ईडी ने कहा कि निशाद ने अपनी कंपनियों के जरिये निवेशकों से क्रिप्टोकरेंसी दिए जाने के नाम पर करोड़ों रुपये इकट्ठा किए. इस रकम को निशाद और उनके सहयोगियों द्वारा संचालित कंपनियों के जरिये इधर-उधर खपा दिया गया.
जांच एजेंसी के मुताबिक, निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच देकर पैसे जुटाना गैरकानूनी है और किसी नियामकीय एजेंसी की पूर्व-मंजूरी के बगैर ऐसा नहीं किया जा सकता है. एजेंसी ने इस सिलसिले में केरल पुलिस की तरफ से दर्ज कई प्राथमिकियों का अध्ययन करने के बाद निशाद के खिलाफ केस दर्ज किया. उस पर 900 से अधिक निवेशकों से 1,200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.
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