अर्जेंटीना की IMF के साथ डील में क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल घटाना शामिल

IMF का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसीज के डीसेंट्रलाइज्ड और बिना रेगुलेशन के होने की वजह से इनका इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है

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कर्ज से दबे अर्जेंटीना ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के साथ डेट के भुगतान की योजना को रिस्ट्रक्चर करने की डील की है. इसमें IMF ने क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल घटाने की शर्त रखी है. अर्जेंटीना को IMF के लगभग 4.5 करोड़ डॉलर का भुगतान करना है. IMF का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसीज के डीसेंट्रलाइज्ड और बिना रेगुलेशन के होने की वजह से इनका इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसीज सेगमेंट में वोलैटिलिटी भी एक बड़ी आशंका है. 

Bitcoin.news ने IMF की शर्त के हवाले से का है, "अर्जेंटीना सरकार वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज के इस्तेमाल को रोकेगी. पेमेंट्स के डिजिटाइजेशन को इंसेंटिव दिए जाएंगे और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस करने वाले लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी." अर्जेंटीना की कुल जनसंख्या के 2.94 प्रतिशत के पास क्रिप्टोकरेंसी होने का अनुमान है. अर्जेंटीना के IMF की क्रिप्टो विरोधी शर्त को स्वीकार करने से इसके नागरिकों का एक वर्ग नाराज है. गैर सरकारी संगठन Bitcoin Argentina ने IMF के साथ डील से पहले इस बारे में सरकार से संपर्क किया था. ऐसी रिपोर्ट है कि Bitcoin Argentina ने सरकार को लिखे पत्र में कहा था, "हमें यह आशंका है कि अथॉरिटीज पुरानी समस्याओं का समाधान करने के बजाय एक ऐसी टेक्नोलॉजी में रुकावट बनने के लिए सहमति दे रही हैं जिसका देश में काफी इस्तेमाल हो रहा है." 

इस पर अर्जेंटीना की सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है. IMF ने क्रिप्टोकरेंसीज का लगातार विरोध किया है. पिछले वर्ष IMF ने अल साल्वाडोर के बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने पर आशंका जताई थी. IMF का कहना था कि इससे अल साल्वाडोर की आर्थिक स्थिरता को नुकसान हो सकता है. हालांकि, अल साल्वाडोर में बिटकॉइन का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिशें जारी हैं. 

बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने के बाद से अल साल्वाडोर को कुछ फायदे भी हुए हैं. पिछले महीने अल साल्वाडोर की अथॉरिटीज ने दावा किया था कि बिटकॉइन से जुड़ा कानून लागू होने के बाद से उनके देश में टूरिज्म बिजनेस 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. इसके साथ ही यह कहा गया था कि पिछले वर्ष देश के GDP में लगभग 10.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कुछ देशों में विरोध भी हो रहा है. भारत में भी स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों ने क्रिप्टोकरेंसीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की है. इन संगठनों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज से गैर कानूनी गतिविधियां बढ़ सकती हैं. 

 

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