Cryptocurrency : कैसे काम करता है ब्लॉकचेन नेटवर्क और क्या होते हैं Blockchain Nodes, समझें

Blockchain Node : एक टर्म है 'नोड', हो सकता है आपने सुना हो, लेकिन क्रिप्टो इकोसिस्टम में इसका मतलब न पता हो. वर्चुअल करेंसी की दुनिया में नोड एक कंप्यूटर को कहते हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क से जुड़ा होता और इन्फॉर्मेशन तैयार करने, भेजने या रिसीव करने का काम करता है.

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Blockchain Technology में नोड होता है, जो बहुत अहम हिस्सा होता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में ब्लॉकचेन नोड (blockchain node) क्या होता है, इसका काम क्या होता है, इसपर बात करने से पहले यह बता दें कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) क्या होती है. सीधे-सीधे शब्दों में ब्लॉकचेन एक डिसेंट्रलाइज्ड लेज़र यानी कि एक विकेंद्रित, बिना किसी एक नियंत्रण वाला, सार्वजनिक बहीखाता या नेटवर्क है, जिसपर क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन दर्ज होते हैं. क्रिप्टोकरेंसी इको सिस्टम में ब्लॉकचेन नोड एक अहम हिस्सा है. क्रिप्टो कॉइन्स के फंक्शन में इसकी अहम भूमिका होती है. क्रिप्टो मार्केट में लगातार नए लोग जुड़ रहे हैं और उनके बीच सिस्टम को समझने की जिज्ञासा है. हां, ये जरूरी नहीं है कि बिटकॉइन में निवेश करने के लिए आपको सारे टेक्निकल टर्म के बारे में पता हो, लेकिन इन टर्म्स की बेसिक जानकारी होना अच्छी बात है.

एक टर्म है 'नोड', हो सकता है आपने सुना हो, लेकिन क्रिप्टो इकोसिस्टम में इसका मतलब न पता हो. वर्चुअल करेंसी की दुनिया में नोड एक कंप्यूटर को कहते हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क से जुड़ा होता और इन्फॉर्मेशन तैयार करने, भेजने या रिसीव करने का काम करता है. जैसे कि मान लीजिए कि एक रेजिडेंट नेटवर्क में एक फाइल सर्वर है, इसमें तीन लैपटॉप और एक फैक्स मशीन कनेक्टेड हैं, तो इसका मतलब कि इस नेटवर्क के पांच नोड हैं, सबका एक यूनीक MAC एड्रेस होगा, जिससे उनकी पहचान होगी.

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ब्लॉकचेन में नोड क्या होता है?

हम बता चुके हैं कि ब्लॉकचेन एक तरीके का ऑनलाइन सार्वजनिक बहीखाता होता है, जिसपर क्रिप्टो ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड होते हैं. ब्लॉकचेन ये रिकॉर्डेड डेटा खुद से कनेक्टेड डिवाइस के जरिए इन्फॉर्मेशन साझा करते हैं. इसका मतलब है कि हर ट्रांजैक्शन क्रोनोलॉजिकली रिकॉर्ड होते हैं और फिर ब्लॉकचेन उनकी जानकारी खुद से जुड़े हुए डिवाइसेज़ में बांट देता है. इन डिवाइस को ही नोड्स कहते हैं. ये नोड्स नेटवर्क में आपस में ही कम्युनिकेट करते रहते हैं और ट्रांजैक्शन और नए ब्लॉक्स की जानकारी एक-दूसरे को साझा करते रहते हैं.

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ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर में यह बहुत ही अहम हिस्सा है. इससे नेटवर्क की सुरक्षा बनाए रखने में मदद मिलती है. ब्लॉकचेन नोड का का मुख्य उद्देश्य नेटवर्क पर हो रहे ट्रांजैक्शन के हर बैच यानी ब्लॉक को वेरिफाई करना है. हर नोड की एक अलग यूनीक आइडी होती है, जिससे इनकी पहचान की जाती है.

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नोड्स कितने प्रकार के होते हैं?

नोड्स सामान्यत: दो प्रकार के होते है- फुल नोड्स और लाइटवेट नोड्स.

- फुल नोड्स नेटवर्क को सपोर्ट और सिक्योरिटी देते हैं. ये नोड किसी ब्लॉकचेन की पूरी हिस्ट्री डाउनलोड करके उसके नियमों को समझते और फिर लागू करते हैं.

- लाइटवेट नोड नेटवर्क में हर यूजर को कहते हैं. लाइटवेट नोड को फंक्शन करने के लिए किसी फुल नोड की जरूरत पड़ती है.

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माइनर नोड

एक तीसरे तरह का नोड भी होता है- माइनर नोड. 'बिटकॉइन माइनर्स' टर्म अब तो काफी जाना-पहचाना हो गया है. इन माइनर्स को नोड्स की कैटेगरी में रखते हैं. माइनर्स अकेले भी काम कर सकते हैं (solo miner) और ग्रुप में भी (pool miner) काम कर सकते हैं. एक माइनिंग पूल में बस उसका एडमिनिस्ट्रेटर ही फुल नोड यूज़ कर सकता है, इसे पूल माइनर्स फुल नोड कह सकते हैं.

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लिसनिंग नोड्स (सुपरनोड्स)

एक और सब-कैटेगरी है- लिसनिंग नोड. यह एक तरीके का पब्लिकली विजिबल फुल नोड है. ये हर उस नोड से कम्युनिकेट कर सकता है, जो इससे कनेक्ट कर लेगा. एक सुपरनोड आमतौर पर हमेशा रन करता रहता है और ब्लॉकचेन हिस्ट्री और ट्रांजैक्शन नोड कई सारे नोड्स के साथ ट्रांसमीट करता रहता है.

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