क्रिप्टो फर्म Celsius के कस्टमर्स को लगा झटका

Celsius Network के इस फैसले के बाद मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई

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क्रिप्टोकरेंसीज में पिछले कुछ सप्ताह से हो रही बिकवाली का असर इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों पर भी पड़ रहा है. क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Celsius Network ने मार्केट में खराब स्थिति के कारण एकाउंट्स के बीच ट्रांसफर और विड्रॉल पर रोक लगा दी है. यह इस सेगमेंट पर बढ़ते दबाव का संकेत है.

Celsius Network के इस फैसले के बाद मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और इसका प्राइस 18 महीने के निचले स्तर पर चला गया. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether भी 8 प्रतिशत से अधिक टूटी और 1,311 डॉलर के साथ यह मार्च के बाद से सबसे कम स्तर पर पहुंच गई. Celsius Network ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, "हम लिक्विडिटी और बिजनेस को मजबूत करे के लिए यह जरूरी कदम उठा रहे हैं. इसके साथ ही एसेट्स की सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं. कस्टमर्स को इस दौरान रिवॉर्ड्स मिलते रहेंगे." 

पिछले वर्ष के अंत में Celsius Network ने लगभग 75 करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया था. यह क्रिप्टो लेंडिंग से जुड़ी बड़ी फर्मों में शामिल है. यह अपनी क्रिप्टोकरेंसीज को जमा करने वाले कस्टमर्स को इंटरेस्ट का ऑफर देती है और रिटर्न कमाने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज की लेंडिंग करती है. क्रिप्टो सेगमेंट की विशेषतौर पर अमेरिका सहित कई देशों में स्क्रूटनी बढ़ी है. पिछले कुछ महीनों में इस सेगमेंट में फ्रॉड से जुड़े मामले बढ़ने के कारण रेगुलेटर्स ने स्क्रूटनी कड़ी करने की जरूरत बताई है. कुछ देशों में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कानून बनाने पर भी काम किया जा रहा है.

कई देशों में सेंट्रल बैंकों की ओर से इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाने और स्टेबलकॉइन TerraUSD के पिछले महीने डॉलर के साथ जुड़ाव तोड़ने के बाद बहुत अधिक गिरने से क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट आई थी. इससे इनवेस्टर्स को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ है. बहुत सी क्रिप्टो फर्मों के बिजनेस पर भी इसका बड़ा असर पड़ा है. स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं. इनका ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल किया जाता है जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है. 

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