पश्चिम बंगाल के कालियागंज में एक लड़की के कथित बलात्कार और हत्या को लेकर आक्रोश के बीच हिंसा हुई है. लड़की का शव शुक्रवार की सुबह मिला था. वहां स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस को फिर से बल प्रयोग करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इलके में शांति बनाए रखने के लिए और पुलिस बल तैनात किया गया है.
राज्य के भाजपा प्रमुख और बालुरघाट के सांसद सुकांत मजूमदार ने आज पीड़ित परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि पुलिस घटना की जांच करने में अक्षम रही है.
भाजपा इस घटना का इस्तेमाल तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करने के लिए कर रही है. भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें पहले पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया. उन्होंने यह भी दावा किया है कि पुलिस सबूतों को दबा रही थी और कमजोर कर रही थी. पीड़ित लड़की के शव को घसीटा गया, जो कि गरिमापूर्ण नहीं था.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि उन्हें बेहद बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था की स्थिति में शव को बरामद करना था ताकि जांच में महत्वपूर्ण सबूतों को बचाया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि पोस्ट-मॉर्टम बिना किसी देरी के किया जाए.
इस घटना का पता तब चला जब शुक्रवार को सुबह उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज कस्बे में तालाब के किनारे लड़की का शव मिला. स्थानीय लोगों को लापता नाबालिग लड़की का शव मिला था. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद करके उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
शुक्रवार को स्थानीय लोगों ने न्याय की मांग को लेकर धरना दिया. पुलिस का दावा है कि जब वह शव को निकालने के लिए पहुंची तो उसे गुस्साई भीड़ की ओर से हिंसा और पथराव का सामना करना पड़ा. पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस का कहना है कि उस क्षेत्र में हिंसा हुई, और उसे आंसू गैस छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.
दिनाजपुर की पुलिस अधीक्षक सना अख्तर ने कहा, "पुलिस को लड़की के शव का जल्द से जल्द पोस्टमार्टम सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा ताकि महत्वपूर्ण सबूत खो न जाएं. हमने मामले की ठीक से जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का भी गठन किया है. घटना की जांच ठीक से होगी."
पुलिस का दावा है कि इससे पहले कि कोई सबूत नष्ट होता, वह शव को निकालने में कामयाब रही. उसने नेताओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि स्थानीय तृणमूल नेताओं को इलाके में जाने दिया गया जबकि उन्हें जाने से रोका जा रहा है.
पुलिस ने बताया कि अभी क्षेत्र में शांति है और मामले की जांच की जा रही है.
इससे पहले आज, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी मामले का संज्ञान लिया और कहा कि वह जांच करने के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजेगा.