उत्तराखंड पुलिस ने कथित मानव तस्करी के एक बड़े मामले का पर्दाफाश का दावा करते हुए मंगलवार को एक महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया तथा उनके चंगुल से दो नाबालिग बहनों मुक्त कराया. पुलिस ने बताया कि दोनों लड़कियों को मानव तस्कर गिरोह द्वारा बेचने की तैयारी की जा रही थी और शाम को ही इन्हें कथित रूप से देह व्यापार में लगे एक अन्य गिरोह को सौंपा जाना था. सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर टिबडी क्षेत्र में संजय नगर कॉलोनी में छापा मारा गया जहां पुलिस को एक दंपति के साथ 14 और 17 साल की दो नाबालिग लड़कियां मिलीं.
उन्होंने बताया कि किराए पर कमरा लेकर रह रहे आरोपी दंपति ने पिछले कुछ दिनों से इन दोनों बहनों को अपने साथ रखा हुआ था. उनके मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि दोनों लड़कियां उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अपने घर से भागकर दिल्ली गई थीं जहां से आलोक उन्हें नौकरी लगाने का झांसा देकर अपने साथ टिबड़ी ले आया.
दंपति ने लड़कियों को हर दिन दस हजार रुपये देने की बात कही थी. छापेमारी के दौरान आलोक की पत्नी कुछ दलालों से बातचीत कर सौदा करने के लिए बाहर गयी हुई थी जिसकी तलाश की जा रही है.
डोभाल ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के साथ सौदा करने आ रहे दूसरे गिरोह के लोगों की घेराबंदी के लिए अपना जाल बिछाया और चंडीघाट पुल के पास से कार सवार पांच लोगों को हिरासत में ले लिया.
उन्होंने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना आलोक देह व्यापार में लगे इस दूसरे गिरोह को समय-समय पर लड़कियां और महिलाएं बेचता था.
उन्होंने बताया कि इन महिलाओं को यह गिरोह कथित रूप से मंहगे दामों में आगे बेच देता था या पैसे लेकर शादी करवा देता था.
गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर प्रदेश के फरूखाबाद जिले का रहने वाला आलोक, फरूखाबाद का ही रहने वाला अनवर अंसारी, बिजनौर के नागल क्षेत्र का निवासी प्रवीण, बिजनौर के नजीबाबाद का रहने वाला अनस, गौतमबुद्व नगर जिले का रामकुमार, देहरादून के सेलाकुई की रहने वाली पूजा शामिल हैं.
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