कर्नाटक के मैसूर में इंटेलिजेंस ब्यूरो के एक पूर्व अधिकारी आर के कुलकर्णी की शुक्रवार शाम सड़क हादसे में मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. पुलिस ने इस हादसे से जुड़ी सीसीटीवी तस्वीरों की जांच के बाद इसे इरादतन हत्या के केस में बदल दिया है. पुलिस ने पहले इसे हिट एंड रन केस के तौर पर दर्ज किया था. सीसीटीवी वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि शाम की सैर के वक़्त कुलकर्णी जब सड़क किनारे टहल रहे थे तो सामने से बिना नंबर की एक गाड़ी जानबूझकर उनकी ओर मुड़ी और टक्कर मारकर भाग गई. आर एन कुलकर्णी को तुरंत अस्पताल में दाखिल कराया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. इस बीच आरोपी फ़रार हो गए. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है.
रविवार को पुलिस के एक बयान के अनुसार, आर. एन. कुलकर्णी (83) हमेशा की तरह मैसूर विश्वविद्यालय के मनासा गंगोत्री परिसर में एक तंग गली में शाम की सैर पर निकले थे, तभी वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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मैसूर के पुलिस आयुक्त चंद्रगुप्त ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें सूचना मिली कि शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे एक दुर्घटना में 83 वर्षीय एक व्यक्ति की कार की चपेट में आने से मौत हो गई. पूछताछ के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या थी.'' उन्होंने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त नरसिंहराजा के नेतृत्व में तीन जांच दल गठित किए गए हैं.
चंद्रगुप्त ने कहा, ‘‘हमें संदेह तब हुआ जब हमने पाया कि वाहन पर नंबर प्लेट नहीं थी.'' उन्होंने कहा कि जांच जारी है और कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं जिनका उन्होंने खुलासा करने से इनकार कर दिया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुलकर्णी 35 वर्ष खुफिया ब्यूरो में सेवा देने के बाद 23 साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे. (भाषा इनपुट के साथ)
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