कोतवाली जारचा क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी दादरी प्लांट के कैंपस से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए डीजीएम सतीश कुमार सिंह का शव काफी तलाशने के बाद तालाब नुमा कूलिंग टावर से मिला है. सतीश कुमार सिंह ने कूलिंग टावर में कूदकर अपनी जान दे दी थी. उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं है, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. डीजीएम सतीश कुमार सिंह कुछ समय से काम के दबाव से तनाव में थे. वह कई बार परिवार से कह चुके थे कि अब वह काम नहीं कर पाएंगे. इसी तनाव के कारण उन्होंने आत्महत्या की है.
शव मिलने के बाद एनटीपीसी के यूनियन के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन किया और पूरे मामले की जांच की मांग की है. आखिरकार किन परिस्थितियों के कारण सतीश कुमार को ये कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा. उनके परिवार को रोजगार व मुआवजे की मांग की भी मांग की गई. एडीसीपी जोन-3 विशाल पांडेय ने बताया कि सतीश कुमार सिंह अपनी दो बेटियों और पत्नी के साथ एनटीपीसी पेट टाउनशिप में रह रहे थे.
बड़ी बेटी 13 साल की और छोटी बेटी 10 साल की है. वह बनारस के रामपुर के रहने वाले थे. शुक्रवार की सुबह 10 बजे वे कार से प्लांट के लिए ड्यूटी करने के लिए निकले थे. लेकिन वे ऑफिस नहीं पहुंचे. जब उनकी तलाश शुरू की तब पता चला कि उनकी गाड़ी प्लांट के जंगल वाले भाग में सड़क के किनारे खड़ी है.
जिसके बाद एनटीपीसी प्लांट सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ और जारचा थाने की पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया. डॉग स्वायड की सहायता से देर रात उनका शव कूलिंग प्लांट में मिला. सतीश कुमार सिंह की पत्नी ने पूछताछ में आरोप लगाया है कि सतीश कुछ समय से काम के दबाव से तनाव में थे. वे कई बार परिवार से कह चुके थे कि अब वह काम नहीं कर पाएंगे. इसी तनाव के कारण उन्होंने आत्महत्या की है.
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