प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह के करीबियों के ठिकानों से एक करोड़ 10 लाख रुपये नगद जब्त किए हैं. इसके अलावा 1.3 किलोग्राम सोने के आभूषण, 10 लाख रुपये कीमत की विदेशी मुद्रा, डिजिटल डिवाइस और करोड़ों की संपत्तियों के कागजात जब्त किए गए हैं.
ईडी ने इस मामले में बुधवार को उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में 17 स्थानों पर छापे मारे थे. यह छापे हरक सिंह रावत के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी, ब्रिज बिहारी शर्मा, किशन चंद और अन्य लोगों के ठिकानों पर मारे गए थे.
ईडी की जांच से पता चला कि हरक सिंह रावत के करीबी सहयोगी आरोपी वीरेंद्र सिंह कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया ने हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश में एक जमीन की दो पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर्ड कराई थीं. उनकी सेल डीड कोर्ट ने रद्द कर दी थी.
आरोपियों ने अवैध रूप से वह जमीन हरक रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह को बेच दी थी. उस पर श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, देहरादून का निर्माण किया गया है.
ईडी ने बृज बिहारी शर्मा, किशन चंद और अन्य के खिलाफ आईपीसी, वन संरक्षण अधिनियम, वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम और पीसी अधिनियम- 1988 की कई धाराओं के तहत विजिलेंस विभाग देहरादून द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर भी जांच शुरू की थी.
ईडी को जांच में पता चला कि आरोपी किशन चंद, बृज बिहारी शर्मा, तत्कालीन डीएफओ और तत्कालीन रेंजर ने अन्य नौकरशाहों और तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश कर सरकारी नियम को ताक पर रखकर ज्यादा टेंडर जारी किए और 163 पेड़ों के मुकाबले 6000 से अधिक पेड़ों को अवैध रूप से काटा.