दिल्ली : एयरलाइंस कंपनियों में नौकरी दिलाने के बहाने सैकड़ों युवाओं को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़

आरोपी व्यक्ति जॉब वेबसाइट (मॉन्स्टर डॉट कॉम) से नौकरी की तलाश कर रहे लोगों का डेटा एकत्र करते थे और उसके बाद उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर विभिन्न एयरलाइंस में नौकरी के लिए झांसा देते थे.

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दिल्ली साइबर पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस के उत्तरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो युवाओं को निजी एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करते थे. पुलिस ने इस मामले में दीपक, अनिकेत, संदीप, अवनेंद्र और पुष्पेंद्र नाम के जालसाज को गिरफ्तार किया है. आरोपी निजी एयरलाइंस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर सैकड़ों युवकों को ठगता था. पुलिस टीम ने दो सप्ताह के एक ऑपरेशन में आखिरकार नोएडा के एक फ्लैट में चल रहे इनके जालसाजी के अड्डे के पता लगाया और इनको गिरफ्तार कर इनके पास से 57 सिम कार्ड, 25 मोबाइल फोन, 33 डेबिट कार्ड, 4 वाई-फाई राउटर और नकली नौकरी के प्रस्ताव पत्र बरामद किए. पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किए गए 13 बैंक खाते का भी पता लगा रही है.

दरअसल, नॉर्थ जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत मिली, जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे सौरव के नाम से एक शख्स का फोन आया और उसने बताया कि उसका बायोडाटा एक एयरलाइंस में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के लिए चुना गया था. उसके बाद, उसे मानव संसाधन प्रबंधक (HR मैनेजर) के रूप में प्रतिरूपित एक अन्य व्यक्ति के साथ बात करने के लिए कहा गया और उसका टेली-साक्षात्कार मोबाइल फोन पर आयोजित किया गया. साक्षात्कार के बाद उन्हें रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया.

14,225/- एक बैंक खाते में वर्दी शुल्क, वेतन खाता सक्रियण शुल्क, पासपोर्ट शुल्क आदि के लिएइस प्रलोभन के बाद, शिकायतकर्ता ने आरोपी द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में 14,225/- रुपये जमा कर दिए. कुछ समय बाद जब शिकायतकर्ता ने नौकरी के बारे में पता किया तो उसे बताया गया कि किसी आंतरिक आपात स्थिति के कारण, कंपनी ने काम पर रखना बंद कर दिया है और जब शिकायतकर्ता ने अपना पैसा वापस करने के लिए कहा, तो आरोपी ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया, जिसके बाद इस बाबत शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.

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पुलिस ने मनी ट्रेल और अपराध से जुड़े कॉल रिकॉर्ड के तकनीकी जांच से पता लगा कि कॉल नोएडा से किया जा रहा है, जिसके बाद एक टीम को मौके पर भेजा गया और जालसाजों को मौके से गिरफ्तार किया गया. जांच के दौरान 7 लैपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड, 2 टैब, 4 वाई-फाई राउटर/डोंगल, 33 डेबिट कार्ड, 13 बैंक खाते बरामद किए गए. गिरफ्तार आरोपियों के निशान पर कई फर्जी जॉब ऑफर लेटर, 3 आधार कार्ड, 1 वोटर आईडी, 4 यूपीआई क्यूआर कोड, 2 मोटरसाइकिल और 1 स्कूटी भी बरामद की गई.

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पूछताछ में पता चला कि आरोपी दीपक उर्फ मामा, अनिकेत, संदीप, अवनेंद्र और पुष्पेंद्र सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और नौकरी की तलाश में नोएडा आए थे. यह पता चला कि कुछ साल पहले इसी तरह के तौर-तरीकों के जरिए पुष्पेंद्र नाम के एक आरोपी को ठगा गया था. इसलिए, उसने अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को जल्दी पैसा कमाने के लिए उसी तरह ठगने की साजिश रची. 

आरोपी व्यक्ति जॉब वेबसाइट (मॉन्स्टर डॉट कॉम) से नौकरी की तलाश कर रहे लोगों का डेटा एकत्र करते थे और उसके बाद उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर विभिन्न एयरलाइंस में नौकरी के लिए झांसा देते थे. इसके लिए फोन पर फर्जी टेलीफोनिक इंटरव्यू भी करते थे, जिसके बाद पीड़ितों को फर्जी ऑपर लेटर भी भज देते थे. पीड़ितों से अलग-अलग बैंक खातों में अलग-अलग बहाने से वर्दी की फीस, बैंक अकाउंट खोलने, पासपोर्ट, सुरक्षा आदि के एवज में पैसे मांगते थे. फिलहाल, पुलिस इनसे पूछताछ कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अब तक इन जालसाजों ने कितने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है. मामले की आगे की जांच जारी है और बरामद मोबाइल फोन/सिम कार्ड और बैंक खातों को अन्य पीड़ितों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
 

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