देश में ऑनलाइन ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. दिल्ली (Delhi) के रोहिणी जिले की साइबर सेल ने क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने के बहाने लोगों से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. साथ ही पुलिस ने गिरोह के पांच लोगों को भी पकड़ा है. आरोपी खुद को बैंक अधिकारी बताते थे और लोगों को उनके क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने के नाम पर ठगी करते थे. पुलिस ने पीड़ित इब्राहिम अली की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ा है. आरोपी कई अन्य लोगों को भी ठग चुके हैं.
रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तायल के मुताबिक, इसी साल इसी साल 25 मई को शिकायतकर्ता इब्राहिम अली ने एनसीआरपी पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे एक शख्स का फोन आया जिसने कहा कि वह एसबीआई बैंक से कॉल कर रहा है. इसके बाद फोन करने वाले ने क्रेडिट कार्ड नंबर पूछा और क्रेडिट कार्ड सीमा 1.25 लाख से 5 लाख रुपये करने का आश्वासन दिया. इसके बाद इब्राहिम के मोबाइल पर एक ओटीपी आया. आरोपी ने कहा कि क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ा दी गई है. प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ओटीपी नंबर भरना होगा. जैसे ही उसने ओटीपी बताया, उसके क्रेडिट कार्ड से 89120 रुपये कट गए. इस राशि से फ्लिपकार्ट से 5 एंड्रॉइड मोबाइल फोन खरीदे गए थे.
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. तकनीकी विश्लेषण, मनी ट्रेल, फ्लिपकार्ट के डिलीवरी डिटेल्स के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई. बाद में आरोपियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई और पांच आरोपियों विजय कुमार शर्मा, मूलचंद, शुभम, संजीव और अमित सेंगर को गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी राज नामक शख्स से क्रेडिट कार्ड का डेटा खरीदते थे, जो फरार है. फिर खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों को बिना फीस दिए उनके क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने के बहाने पीड़ितों से ओटीपी नंबर प्राप्त करते थे. पीड़ितों के क्रेडिट कार्ड से निकाले गए ठगी के पैसे का इस्तेमाल कर फ्लिपकार्ट से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, कैमरा, ईयरबड्स आदि खरीदे जाते थे. उसके बाद उन इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को विभिन्न स्थानों पर सस्ती दरों पर बेच दिया जाता था.
पूछताछ में पता चला है कि वे पिछले 2-3 साल से इसी तरह से भोले-भाले लोगों को ठग रहे थे और उन्होंने अब तक सैकड़ों पीड़ितों को ठगा है.
आरोपी विजय कुमार शर्मा अलीगढ़ जिले का रहने वाला है. उसने अलीगढ़ से एलएलबी और बीकॉम किया है. पहले वो रत्नाकर बैंक लिमिटेड में डायरेक्ट सेल्स एसोसिएट के रूप में काम करता था. उसके खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. वहीं आरोपी अमित सेंगर पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुका है और पहले फ्लिपकार्ट में डिलीवरी बॉय के तौर पर काम करता था. उसी दौरान वह इन ठगों के संपर्क में आया. जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने फ्लिपकार्ट छोड़ दिया और ठगी करने वाले गिरोह में शामिल हो गया. आरोपी मूलचंद मिश्रा ने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है और वो आरोपी विजय कुमार शर्मा का सगा साला है. वहीं आरोपी संजीव कुमार, आरोपी विजय कुमार शर्मा का सहपाठी है. दोनों एक ही गांव के हैं. उसने ग्रेजुएशन किया है. इससे पहले वह सेंट्रल बैंक ऑफ पंजाब, एचबीएल ग्लोबल प्राइवेट में नौकरी कर चुका है.
पुलिस ने आरोपियों के पास ने 31 नकली सिम कार्ड बरामद किए हैं. साथ ही उनके पास से 19 मोबाइल फोन, ठगी के पैसे से फ्लिपकार्ट से खरीदे गए 25 सील पैक मोबाइल फोन, 4 सील पैक कैमरे और 4 स्मार्ट घड़ियां बरामद की हैं. एनसीआरपी पोर्टल पर अब तक की गई जांच के अनुसार 25 शिकायतों को अपराध से जोड़ा गया है. अब तक की गई जांच से यह पता चला है कि आरोपियों ने सैकड़ों पीड़ितों को इसी तरीके से ठगा है.
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