कंझावला मामले में सातवें आरोपी अंकुश खन्ना को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने अंकुश खन्ना को आज जमानत दे दी. उसे 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली. इस मामले में पुलिस ने इससे पहले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था. अंकुश खन्ना ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. अंकुश कार चला रहे मुख्य आरोपी अमित खन्ना का भाई है.
कंझावला में 31 दिसंबर की रात में युवती अंजलि सिंह की कार से घसीटे जाने से हुई मौत के मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. पीड़िता अंजलि सिंह को कुचलने के बाद कार को खड़ी करने आए आरोपियों का सीसीटीवी फुटेज आने के बाद आरोपी आशुतोष को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. रोहणी के डी ब्लॉक के उस इलाके में भी NDTV पहुंचा जहां से कार बरामद हुई थी. वहां पड़ोसियों ने बताया कि एक जनवरी को सुबह चार बजकर सात मिनट से लेकर पांच बजे तक आशुतोष के साथ दीपक CCTV फुटेज में दिख रहा था जबकि पहले आशुतोष ने पुलिस को बताया था कि हादसे के बाद दीपक गाड़ी की चाभी देकर चला गया था.
पड़ोसी अंजनी राय ने बताया, "आशुतोष 31 तारीख की रात को अपने घर में मौजूद था. वह यहां छह माह पहले ही रहने आया था और किराये पर रहता था. कंझावला मामले में आरोपियों ने अब तक कई बार पुलिस की जांच को उलझाने की भी कोशिश की है. आरोपियों ने पहले कहा कि घटना के वक्त कार में पांच लोग बैठे थे जबकि उसमें चार लोग बैठे थे. आरोपियों ने पूछताछ में यह भी कहा कि कार दीपक चला रहा था जबकि कार अमित चला रहा था. आरोपियों ने पहले कहा था कि कार में कोई फंसा हुआ है, तेज म्युजिक के चलते वे यह समझ नहीं पाए जबकि आरोपियों को ढाई किलोमीटर बाद ही पता चल गया था कि लड़की गाड़ी में फंसी हुई है.
आरोपियों ने अब कहा है कि वे डर गए थे इसलिए घर भाग गए, लेकिन घटना के बाद से वारदात को छिपाने की पूरी कोशिश की. इस बीच, मामले में पीड़िता अंजलि की दोस्त निधि से भी पुलिस पूछताछ कर रही है. होटल का नया CCTV फुटेज आने के बाद पता चला है कि पीड़िता और निधि अकेले नहीं थीं बल्कि इनके दोस्त भी थे. अब इन सारे पहलुओं की भी पुलिस जांच कर रही है.