उत्तरी जिले पुलिस की साइबर सेल ने एक महिला को गिरफ्तार किया है जो यूके और यूएई से गिफ्ट भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करती थी. उत्तरी दिल्ली के डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर बुराड़ी के रहने वाले धर्मराज ने शिकायत देकर बताया कि उसे फेसबुक पर अमारा गुजराल नाम की एक लड़की से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली. फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद, उसने अमारा गुजराल से फेसबुक और एक व्हाट्सऐप नंबर पर बात की. अमारा गुजराल ने कहा कि वह यूनाइटेड किंगडम में रहती हैं और दिल्ली आ रही हैं.
बाद में धर्मराज को एक महिला का फोन आया. महिला ने बताया कि वह मुंबई में कस्टम अधिकारी है. उसने बताया कि अमारा गुजराल को कुछ महंगे गिफ्ट के साथ मुंबई हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था और उन्हें अमारा को रिहा करने के लिए पैसे देने की जरूरत है. इस प्रलोभन के बाद शिकायतकर्ता ने कथित कस्टम अधिकारी द्वारा प्रदान किए गए बैंक खाते में 34,000 रुपये का भुगतान किया.
बाद में कथित अमारा गुजराल ने शिकायतकर्ता को फेसबुक और व्हाट्सऐप पर ब्लॉक कर दिया. पुलिस ने केस दर्ज कर तकनीकी जांच की तो पता चला कि आरोपी तिलक नगर इलाके में रहती है. जांच के दौरान अमारा गुजराल के कथित फेसबुक प्रोफाइल की जांच के बाद उसका नाम महक (बदला हुआ नाम ) निकला. पुलिस ने 29 साल की महक को उसके किराये के फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी महक से पूछताछ की गई. उसने बताया कि वह अपने इलाके में कई अफ्रीकी मूल के लोगों के संपर्क में आई थी, जो लोगों से ठगी का काम करते थे. इस तरह उसने ठगी के गुर सीखे. उसने दिल्ली के कुछ नकली सिम कार्ड इकट्ठे किए और फेसबुक पर अमारा गुजराल, लक्षिका चौधरी, अवनि चोपड़ा, अवंतिका चोपड़ा, अनामिका गुजराल, एमिली रोज के नाम से कई नकली प्रोफाइल बनाए. इन प्रोफाइल पर अपलोड की गई तस्वीरें यूके के एक निवासी के मूल प्रोफाइल से डाउनलोड की गई थीं. महक फेसबुक यूजर्स को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता थी और दोस्ती होते ही व्हाट्सऐप नंबर पर बात करती थी.