आजकल साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आपको हर रोज साइबर ठगी की खबरें सुनने को मिल जाएंगी. ऐसे में आपको ऐसे अपराधियों से सावधान होने की जरूरत है. लालच में पड़कर आप इनकी बातों में न आएं. शनिवार को ही एसआईटी ने नोएडा से 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों से 170 करोड़ ठग चुके थे. फेक कॉल सेंटर चलाते थे. 170 करोड़ कोई छोटी अमाउंट नहीं है. कयास लगाए जा रहे हैं कि हजारों लोगों से ठगी किया गया होगा. पिछले कई सालों से फर्जी कस्टम अफसर बन लोगों को ठग रहे हैं. कई बार कई लोग गिरफ्तार भी हुए हैं, लेकिन फिर भी फ़र्ज़ी कस्टम ऑफिसर्स का फर्जीवाड़ा खत्म नहीं हो रहा है. हाल में ही इन लोगों ने किसी से पैसे ठग लिए. ब्लैकमेल करने लगे. जब पुलिस ने फ़ोन किया तो फ़ोन बंद कर दिए और नंबर ब्लॉक कर दिए. आज आप को बताते हैं यह लोग कैसे लोगों चुना लगाते हैं और आप को कैसे सतर्क रहने की जरूरत है.
सबसे पहले यह लोग सोशल मीडिया में आप का आत्मविश्वास जीतते हैं. ज्यादातर प्रोफाइल में लिखा रहता है कि वो बाहरी देश के हैं, जैसे अमेरिका , यूनाइटेड किंगडम या किसी और देश से. हकीकत में यह लोग भारत में बैठे हुए होते हैं. कुछ लोग बाहर में भी होते हैं. ठग सब एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं. ठगों के बीच रिश्ता बहुत मजबूत होता है. बहुत बड़ी रैकेट है. सोशल मीडिया में आप को दोस्त बनाते हैं. प्रोफाइल में अच्छा फोटो लगाते हैं. अच्छी-अच्छी बात लिखते हैं. आप की फोटो को लाइक करते हैं, कमेंट करते हैं. आप के बारे में अच्छा लिखते हैं, जब आप उनके करीब आ जाते हैं तो आप से नंबर मांगते हैं या ईमेल मांगते हैं.
आप उन्हें विश्वास करके दे देते हैं फिर आप को कहते हैं कि अमेरिका या लंदन से आप के लिए सामान भेजना चाहते हैं. आप खुश हो जाते हैं और आप का डिटेल दे देते हैं. दोस्त के रूप सोशल मीडिया पर कई ऐसे लोग भी होते हैं जो कहते हैं बहुत सस्ता में आप को सामन भेजना चाहते हैं. आप को एक उदाहरण देता हूं अमेरिका में आईफोन सस्ता में मिलता और कई दूसरे सामान सस्ते में मिलता हैं तो यह लोग इसी का फ़ायदा उठाते हैं. कहते हैं कि आप के लिए अमेरिका से Iphone भेजेंगे. सस्ता सामान भेजेंगे. आप को विश्वास में ले लेते हैं आप की कॉन्फिडेंस जीत लेते हैं, फिर आप भी अपना एड्रेस और फ़ोन नंबर दे देते हैं. आप इसी उम्मीद के साथ रहते हैं कि आप को सस्ते सामान मिल रहे हैं, लेकिन वास्तव में यह फ्रॉड होता है.
अब असली ब्लैकमेल शुरू होता है. आप ने अपना एड्रेस दे दिया, फोन नंबर दे दिया. कुछ दिनों के बाद फर्ज़ी कस्टम अफसर आप को फ़ोन करते हैं. कहते हैं कि दिल्ली एयरपोर्ट पर आप का सामान पहुंच गया है. कस्टम डिपार्टमेंट से बोल रहे हैं और आप को कस्टम ड्यूटी देना पड़ेगा. आप को लगता है कि आप का सामान आ गया है फिर आप कस्टम ड्यूटी के रूप में पैसा जमा कर देते हैं. तुरंत यह एक कस्टम रिसीप्ट आप को भेज देते हैं कि आप ने पैसा दिया है लेकिन यह रिसीप्ट पूरी तरह फ़र्ज़ी होता है. असली कस्टम रिसीप्ट नहीं होता है. न असली कस्टम डिपार्टमेंट का इसके साथ कोई लेना देना होता है.
एक बार आपने पैसे दे दिए तो ये लोग आप को ब्लैकमेल करने लग जाते हैं और पैसा मांगते हैं. कहते हैं और पैसा भेजिए, नहीं तो आप के घर पुलिस भेज देंगे. आप डर जाते हैं क्योंकि पहले से आप उन्हें एड्रेस दे चुके हैं. आप को डर लगता है कि घर पर पुलिस आ जाएगी , बदनाम होगी आप और पैसा उनके अकाउंट में जमा करते हैं. इसी तरह यह लोग आप को बार बार ब्लैकमेल करते हैं.
इस बीच बाहर देश के नंबर से आप के पास बार-बार कॉल आते हैं. यह बताने के लिए की आपका सामान एयरपोर्ट में पहुंच गया है. सिर्फ आपका कॉन्फिडेंस जीतने के लिए और आप को डराने के लिए यह लोग ऐसा करते हैं. जब आप को पता चल जाता है कि यह फ़र्ज़ी कस्टम अफसर हैं और आप के साथ फ्रॉड हुआ है, फिर यह आप को ब्लॉक कर देते हैं.
कॉल करना बंद कर देते हैं. एक बात याद रखिए. बाहर से कॉल आता है वो विदेशी व्यक्ति की तरह अंग्रेजी बोलता है. आप को लगता है सच में कोई विदेशी है जो सामान भेज रहा है. लेकिन असल में ये लोग भारत में बैठे होते हैं. इंटरनेट या व्हाट्सएप कॉल करते हैं और विदेशी लोगों की स्टाइल में अंग्रेजी बोलते हैं. असल में ये लोग इंडियन होते हैं. अपने व्हाट्सअप स्टेटस में भी एक सुन्दर विदेशी नागरिक का फोटो लगा देते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि स्टेटस में कुछ वर्ड लिखते हैं जैसे ट्रेवल एंड ट्रांसपोर्ट. यह सब सिर्फ आप का कॉन्फिडेंस जीतने के लिए करते हैं.
इस तरह बहुत फ़र्ज़ीवाड़ा के मामले सामने आ रहे हैं. अब आप को क्या करना है. सबसे पहले सोशल मीडिया में दोस्त बनाने से पहले देख लीजिए जो आपका दोस्त बनना चाहता है, वो कौन है, उसका कितने फ्रेंड है. कोई म्यूच्यूअल फ्रेंड है या नहीं. क्या लिखता है, कितना पोस्ट किया है. खाली या स्टेटस देखकर दोस्त मत बनाइये. अगर बना भी दिए हो तो उस के क्लोज मत होइए . उसे मैसेज के जरिये बात मत कीजिए. एक बार बातचीत शुरू हो गया तो वो धीरे -धीरे आप के करीब हो जाते हैं फिर आप का फ़ायदा उठाते हैं.
दूसरी बात, अगर आप करीब हो भी गए हैं तो उनसे कोई भी सामान आर्डर मत कीजिये या फिर गिफ्ट के रूप में मत लीजिए अगर ऐसा करेंगे तो वे आप ब्लैकमेल करेंगे.
अगर आप सामान आर्डर कर भी दिए हैं तो उसके बात फ़र्ज़ी कस्टम अफसर का फ़ोन आएगा. आप से कस्टम ड्यूटी के नाम से पैसा मांगेगा. ऐसे स्थिति में आप को याद रखना चाहिए, असली कस्टम अफसर न कभी पैसे के लिए मेल करते हैं न फ़ोन करते हैं. लेकिन फर्ज़ी कस्टम अफसर बार-बार फ़ोन करते हैं. धमकाते हैं. ये लोग इतने चालाक हैं कि अपने व्हाट्सअप स्टेटस में कस्टम डिपार्टमेंट का लोगो लगाकर रखते हैं. इसे आप को लगता है कि सच में कस्टम अफसर फ़ोन कर रहा है लेकिन असलियत में यह फ़र्ज़ी कस्टम अफसर होते हैं. सिर्फ आपका कॉन्फिडेंस जीतने के लिए स्टेटस में कस्टम डिपार्टमेंट का लोगो लगाते हैं. जब इन लोगों को पता चलता है, आप उनकी चालाकी के बारे में जान चुके हैं या पुलिस कम्प्लेन कर चुके हैं तो यह आप को ब्लॉक कर देते हैं. मोबाइल बंद कर देते हैं और आप को फ़ोन करना बंद कर देते हैं.
एक और बात याद रखिए यह लोग कैश नहीं लेते हैं न ही आप से चेक मांगते हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए पैसा लेते हैं ताकि, जल्दी उनके अकाउंट में पैसा आ जाए. अगर कैश मांगेंगे तो पुलिस पकड़ सकती है. चेक भी कैश होने में समय लगता है.
जब आप के अकाउंट से उनके अकाउंट पर पैसा ट्रांसफर हो जाता है यह लोग तुरंत पैसा निकाल लेते हैं. अगर आप को पता चल गया है की आप पैसा फ्रॉड के अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है तो आप बैंक को फ़ोन करते हैं कि आप के साथ ऐसा फ्रॉड हुआ है. बैंक वाला अपने हाथ ऊपर खड़े कर देते हैं, कहते हैं आप ने खुद ट्रांसफर किया है. बैंक का कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन हम आपका कम्प्लेन ले रहे हैं. तीन महीने के अंदर इसका हल निकल जायेगा. यह भी कहते हैं अगर फ्रॉड के अकाउंट में पैसा होगा तो हम ब्लॉक कर देंगे. लेकिन फ्रॉड अपने अकाउंट में कभी पैसा नहीं रखता है. तुरंत किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है या फिर एटीएम के जरिये उठा लेते हैं.
इसलिए ऐसे मामलों में आप सतर्क रहिए. अगर फर्ज़ी कस्टम अफसर फ़ोन कर रहा है तो पैसा मत दीजिए. कम्प्लेन कीजिए. कस्टम डिपार्टमेंट की तरफ से एक नंबर भी जारी किया गया है. आप उस नंबर से फ़ोन कीजिए या फिर साइबर सेल के नंबर पर तुरंत फ़ोन कीजिए. साइबर सेल का नंबर 1930 पर कॉल कीजिए और कम्प्लेन दायर कीजिए. या फिर ऑनलाइन कम्प्लेन दर्ज़ कीजिये. ऐसे केस में आप का पैसा वापस आने चांस बहुत कम है, लेकिन फिर भी सेफ़गार्ड रहना बहुत जरुरी है. सावधान रहिए, सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए. खुद बचिए दूसरों को बचाइए.
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