फर्जी हाउसिंग प्रोजेक्ट का सपना और 20 करोड़ की ठगी, रियल एस्टेट घोटाले के आरोपी को पुलिस ने ऐसे दबोचा

साइबर सेल की टीम ने इस ऑपरेशन से पहले एक हफ्ते तक लगातार निगरानी और खुफिया सूचना इकट्ठा की. टीम ने स्थानीय ठेकेदारों और बढ़ई के भेष में जाकर इलाके में रेकी की और पुख्ता जानकारी जुटाई. 18 जून 2025 को महाराष्ट्र के करजत में रेड डालकर आरोपी को पकड़ लिया गया.

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नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल टीम ने एक लंबे अरसे से फरार चल रहे और ₹50,000 के इनामी वांछित अपराधी को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के करजत इलाके से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किया गया आरोपी दत्तात्रेय गणपति मोहिते है, जो प्रगति वैली रियल एस्टेट घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है. ये आरोपी दिल्ली में चार बड़े धोखाधड़ी के मामलों में भगोड़ा घोषित था.

साइबर सेल की टीम ने इस ऑपरेशन से पहले एक हफ्ते तक लगातार निगरानी और खुफिया सूचना इकट्ठा की. टीम ने स्थानीय ठेकेदारों और बढ़ई के भेष में जाकर इलाके में रेकी की और पुख्ता जानकारी जुटाई. 18 जून 2025 को महाराष्ट्र के करजत में रेड डालकर आरोपी को पकड़ लिया गया.

क्या था घोटाला
दत्तात्रेय मोहिते ने 'प्रगति वैली प्रोजेक्ट' के नाम से एक फर्जी हाउसिंग प्रोजेक्ट का सपना दिखाकर दिल्ली के हजारों लोगों से करीब ₹20 करोड़ की ठगी की थी. उसकी कंपनी प्रगति लैंड एंड हाउसिंग कॉर्पोरेशन ने 70 से ज्यादा फर्जी एजेंट्स के साथ मिलकर दिल्ली में बड़ी मार्केटिंग चलाई. झूठे सरकारी अप्रूवल, फर्जी ब्रोशर, नकली साइट प्लान और एलॉटमेंट लेटर के जरिए लोगों को निवेश के लिए उकसाया गया.

सच्चाई ये थी कि उस जमीन का कोई वजूद नहीं था. कोई सरकारी मंजूरी नहीं थी. 2010 में कंपनी बंद हो गई और आरोपी फरार हो गया. आरोपी के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं इन सभी मामलों में धोखाधड़ी, जालसाजी, साजिश और विश्वासघात के गंभीर आरोप शामिल हैं.

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