दिल्ली के अमर कॉलोनी थाने में पुलिसकर्मियों के बीच मारपीट की घटना हुई. इस मामले में एसएचओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है. हेड कांस्टेबल रवींद्र गिरी समेत तीन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के अमर कॉलोनी थाना इलाके में एक इंस्पेक्टर ने आरोप लगाया है कि शराब के नशे में एक हेड कांस्टेबल ने उसके साथ मारपीट की कोशिश की. इंस्पेक्टर ने इसे लेकर थाने की जनरल डायरी में सारी बातें लिखी हैं.
इंस्पेक्टर जगजीवन राम ने जीडी में लिखा है कि सोमवार रात थाने के एसएचओ साहब तबीयत खराब होने के चलते चले गए थे और रात में सब डिवीजन की चेकिंग का काम उन्हे दे गए थे. वे inquest तैयार कर रहे थे. इसी बीच थाने में जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आई. वे भागकर ड्यूटी अफसर के रूम में गए लेकिन वहां कोई झगड़ा नहीं था. इसके बाद वे पहली मंजिल पर गए. पहली मंजिल की गैलरी में उन्हें सब इंस्पेक्टर मनोज, एएसआई संतोष और एएसआई अविनेश मिले. उनके साथ ही हेड कांस्टेबल रवींद्र गिरी थे जो कि बनियान पहने हुए थे और हाथ में सफेद रंग की शर्ट थी जो खून से सनी हुई थी.
उन्होंने रवींद्र से पूछा कि क्या हुआ है. इस पर रवींद्र ने कहा कि तू क्या सिफारिशी आया है. इस पर उन्होंने रवींद्र से पूछा कि कैसे बात कर रहा है. उसने शराब पी रखी थी. वह हाथापाई करने के लिए आगे बढ़ने लगा, लेकिन वहां मौजूद बाकी तीन पुलिस कर्मियों से उसे पकड़ लिया. उन पुलिस कर्मियों ने कहा कि साहब ने ऐसा क्या बोला कि आप इतने आक्रोशित हो रहे हो.
इसी बीच हेड कांस्टेबल शेर सिंह और सचिन भी आ गए. उन लोगों ने भी पूरा वाकया देखा था. फिर इंस्पेक्टर जगजीवन राम ने ज्यादा बात न करते हुए रवींद्र गिरी का मेडिकल कराने के लिए कहा और फिर वे डीओ रूम में आ गए. डीओ रूम में पूरा स्टाफ इकट्ठा हो गया. इसके बाद सब इंस्पेक्टर विवेक जो शराब के नशे में बाहर निकल रहा था, उसे भी रोका गया. वह इतना नशे में था कि चल नहीं पा रहा था.
इसी बीच जामिया थाने में तैनात हेड कांस्टेबल सुनील आ गया जो सब इंस्पेक्टर विवेक को अपने साथ ले गया. यह सारे हालत हेड कांस्टेबल रवींद्र गिरी के चलते हुए. पता चला कि हेड कांस्टेबल रवींद्र गिरी के रूम में सब इंस्पेक्टर विवेक और हेड कांस्टेबल सुनील शराब पी रहे थे और उसी दौरान उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ और मारपीट हुई. इसी झगड़े की आवाज सुनकर इंस्पेक्टर गए थे. लेकिन रवींद्र गिरी उन्हें ही मारने पर उतारू हो गया. जब उसका मेडिकल कराने के लिए कहा तो वह थाने से भाग गया.
पहले भी कई बार देखने में आया कि रवींद्र गिरी का व्यवहार सीनियर के खिलाफ ठीक नहीं है और वह दूसरों के केसों में दखलंदाजी करता है.