कभी विराट ने बताया था दुनिया का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर, बर्थडे स्पेशल में जानिए कैसा रहा खिलाड़ी का करियर

Wriddhiman Saha Birthday Special: साल 2010 में साहा ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया. उस समय कप्तान एमएस धोनी थे. साहा ने धोनी की कप्तानी में भी खेला और उनके संन्यास के बाद टेस्ट में टीम इंडिया के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेले.

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Wriddhiman Saha Birthday Special
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  • ऋद्धिमान साहा को उनकी तेज स्टंपिंग के कारण पूर्व कप्तान धोनी से भी बेहतर विकेटकीपर माना जाता है
  • साहा का जन्म 24 अक्टूबर 1984 को सिलीगुड़ी में हुआ और उन्होंने 13 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया
  • विराट कोहली और सौरव गांगुली सहित कई दिग्गजों ने साहा को विश्व के श्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर के रूप में माना है
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Virat Kohli Picked Wriddhiman Saha As Best Test Wicketkeeper In World: भारतीय क्रिकेट टीम में एमएस धोनी के आने के बाद बतौर विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान उनकी सर्वाधिक चर्चा हुई है. दिनेश कार्तिक, पार्थिव पटेल, संजू सैमसन, ऋषभ पंत, और ईशान किशन भी भारतीय टीम के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेले हैं. लेकिन जब भी श्रेष्ठ विकेटकीपर की चर्चा होती है, तो ऋद्धिमान साहा को अपनी बिजली जैसी गति से स्टंपिंग के लिए मशहूर धोनी से भी श्रेष्ठ विकेटकीपर माना जाता है. ऐसा पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और विराट कोहली भी मानते हैं.

ऋद्धिमान साहा का जन्म 24 अक्टूबर 1984 को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ था. 13 साल की उम्र से उन्होंने क्रिकेट शुरू किया. दाएं हाथ से बल्लेबाजी के साथ-साथ साहा ने एक विकेटकीपर के तौर पर अपनी यात्रा आरंभ की. साहा अपनी विकेटकीपिंग की वजह से युवा अवस्था में ही काफी चर्चा में आ गए. बंगाल क्रिकेट के चयनकर्ताओं की नजर भी उनपर पड़ी. अंडर-19 और अंडर-22 टीम से होते हुए 2006-07 में असम के खिलाफ बंगाल की तरफ से उन्होंने अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला.

2010 में साहा ने भारतीय टीम के लिए टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया. उस समय कप्तान एमएस धोनी थे. साहा ने धोनी की कप्तानी में भी खेला और उनके संन्यास के बाद टेस्ट में टीम इंडिया के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर खेले. साहा के करियर का मुख्य हिस्सा विराट कोहली की कप्तानी में खेलते हुए बीता.

11 साल लंबे अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में साहा ने टेस्ट फॉर्मेट में कई यादगार पारियां भारतीय टीम के लिए खेलीं, जिसकी बदौलत भारत जीतने या फिर हार टालने में कामयाब रहा. लेकिन, साहा की चर्चा उनकी बल्लेबाजी से ज्यादा उनकी विकेटकीपिंग की वजह से होती है. विकेट के पीछे उनकी फुर्ती और दाएं या बाएं या फिर ऊपर उछलते हुए गेंद को पकड़ने की क्षमता उन्हें भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास के विरले विकेटकीपर के रूप में प्रतिष्ठित करती है.

भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली साहा को धोनी से बेहतर विकेटकीपर बता चुके हैं. वहीं भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान विराट कोहली ने साहा को दुनिया का श्रेष्ठ टेस्ट विकेटकीपर माना था. पार्थिव पटेल और आर श्रीधर जैसे दिग्गज भी उन्हें श्रेष्ठ विकेटकीपर मान चुके हैं.

भारतीय टीम के लिए साहा ने 40 टेस्ट और 9 वनडे खेले. टेस्ट में 3 शतक और 6 अर्धशतक लगाते हुए 1,353 रन उन्होंने बनाए. टेस्ट में 92 कैच और 12 स्टंपिंग उनके नाम हैं. 170 आईपीएल मैचों में 1 शतक और 13 अर्धशतक की मदद से उनके नाम 2,934 रन दर्ज हैं. 1 फरवरी 2025 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों को अलविदा कहने वाले साहा कोचिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं और मौजूदा समय में बंगाल अंडर-23 टीम के कोच हैं.

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