इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले से आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 की शुरुआत हो गई है. भारत में इस साल अलग-अलग 10 शहरों में विश्व कप के मुकाबलों का आयोजन हो रहा है और इसमें धर्मशाला का मैदान भी शामिल है. धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट स्टेडियम में विश्व कप 2023 का पहला मुकाबला अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच खेला गया. इस मुकाबले के बाद एक बार फिर बीसीसीआई की किरकिरी होती हुई दिख रही है क्योंकि अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के मु्ख्य कोच ने धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में आउटफील्ड की स्थिति पर सवाल उठाया है. बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच मुकाबले की पूर्व संध्या पर उटफ़ील्ड पर पर्याप्त घास नहीं थी.
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने मैदान की मौजूदा स्थिति को लेकर बताया कि यह स्थल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार नहीं है.अफगानिस्तान टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने कहा,"हां, यह देखकर दुख हुआ. यह क्रिकेट खेलने के लिए एक खूबसूरत जगह है...यह [आउटफील्ड] अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार नहीं है. ठीक नहीं है. फिलहाल यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है. शायद यह बारिश के कारण है. लेकिन हाँ यह अभी तैयार नहीं है."
शानिवार को डबर हेडर था और अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच मुकाबला सुबह 10:30 से शुरु हुआ था. अफगानिस्तान ने पहले बल्लेबाजी की थी. वहीं फील्डिंग के समय अफगानिस्तान के मुजीब-उर-रहमान डीप बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर डाइव लगाने के प्रयास के दौरान चोटिल होने से बाल-बाल बचे थे. उनका घुटना सख्त जमीन में फंस गया और कुछ कीचड़ उछलने के कारण अजीब तरह से गिर गए.
रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान टीम प्रबंधन के सदस्य ने कहा,"क्यूरेटर का कहना है कि बहुत बारिश हुई है लेकिन अगर यह इसी तरह जारी रही तो मैदान पर कोई न कोई घायल हो जाएगा. कोई भी गोता लगाना या फिसलना नहीं चाहता और क्रिकेट में आपको ऐसा करने में सक्षम होना चाहिए."
बता दें, ऐसा पहली बार नहीं है जब धर्मशाला का आउटफील्ड सवालों के घेरे में है. इस साल की शुरुआत में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट आउटफील्ड में 'घास की कमी' के कारण स्थानांतरित कर दिया गया था. सितंबर के मध्य में, आउटफील्ड पर फंगस के संक्रमण की सूचना मिली थी जिसे जल्दी से सुलझाना पड़ा.
अफगानिस्तान के मुख्य कोच जोनाथन ट्रॉट ने खुलासा किया कि हालात ऐसे थे कि खिलाड़ी अनिश्चित थे कि वे डाइव लगा सकते हैं या नहीं, और मुजीब भाग्यशाली थे कि बिना किसी गंभीर चोट के बच गए. ट्रॉट ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अगर आपके खिलाड़ी इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि वे डाइव लगा सकते हैं या नहीं.. हम दुनिया भर में क्रिकेट को देखते हैं जहां खिलाड़ियों को अपनी फील्डिंग में सुधार करने के लिए सिखाया और प्रोत्साहित किया जाता है....तब जब आपके खिलाड़ी चोटिल होने को लेकर चिंतित हों.... तो हम भाग्यशाली हैं कि अंत में मुजीब को घुटने में गंभीर चोट नहीं लगी है."
जोनाथन ट्रॉट ने आगे कहा,"हाँ, शायद उसे अपने घुटने से डाइव नहीं लगाना चाहिए था, लेकिन मुझे लगता है कि यह न्यूजीलैंड से पहले डेवोन कॉनवे थे(डाइव लगाने वाले)..... यह उनके (आयोजकों) देखने लायक बात है. मैं निश्चित रूप से उस पर कोई दोष नहीं लगा रहा हूँ, लेकिन यह कुछ ऐसा है जिस पर हमें भविष्य पर नज़र रखनी होगी."
बता दें, इस मैदान पर अगला मुकाबला बांग्लादेश और इंग्लैंड के बीच होगा. यह मुकाबला 10 अक्टूबर को खेला जाएगा. भारत 22 अक्टूबर को यहां न्यूजीलैंड से खेलेगा. यह देखना बाकी है कि क्या इसको लेकर कोई एक्शन लिया जाता है और क्या धर्मशाला से मैच कहीं और शिफ्ट किए जाते हैं या मुकाबले यहीं पर करवाएं जाएंगे.
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