खास बातें
- भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया था मुकाबला
- भारत ने 39 रन से जीता था मैच
- ...पर आमिर सोहेल के लिए याद किया जाता है मैच
नई दिल्ली: भारतीय ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के करोडों क्रिकेटप्रेमी अभी भी साल 1996 में बेंगलुरू में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए क्वार्टरफाइनल को अभी भी नहीं भूले हैं. और भूलेंगे भी नहीं क्योंकि यह क्वार्टरफाइनल कई यादगार घटनाओं का गवाह बना. और इसी में से एक था पाकिस्तानी ओपनर आमिर सोहेल का बर्ताव. आमिर का वह बर्ताव, जो वह बाउंड्री बटोरने के बाद भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद से कर रहे थे. बहरहाल, अब दिग्गज वकार यूनुस ने कहा है किे हम मैदान पर आमिर सोहेल के बर्ताव से बहुत ही सकते में थे. भारत ने यह मुकाबला 39 रन से जीता था, लेकिन सोहेल की कप्तानी में खेल रहा पाकिस्तान एक समय 288 रनों का पीछा करते हुए बहुत ही मजबूत दिखाई पड़ रहा था.
पाकिस्तान का स्कोर 14 ओवर में 1 विकेट पर 109 रन था, जब सोहेल ने प्रसाद की गेंद पर कवर प्वाइंट से चौका जड़कर उनकी तरफ इशारा किया. सोहेल ने बाउंड्री की तरफ बैट से इशारा करते हुए कहा कि वह एक बार फिर से प्रसाद को बाउंड्री पर भेजने जा रहे हैं, लेकिन यह सोहेल का आखिरी चौका साबित हुआ और ठीक अगली गेंद पर प्रसाद ने उन्हें बोल्ड कर दिया. इस घटना पर सालों बाद वकार ने कहा कि ईमानदारी से कहूं, तो जिस तरह आमिर सोहेल मैदान पर बर्ताव कर रहे थे, उससे हम बहत ही सकते में थे. आमिर मैदान के चारों ओर शॉट लगा रहे थे, ऐसे में उन्हें ऐसा करने की क्या जरूरत थी? मेरे हिसाब से दबाव के कारण सोहले ने ऐसी प्रतिक्रिया दी.
वकार ने कहा कि आमिर ने बहुत ही शानदार बल्लेबाजी की और वह बहुत ही शानदार दिख रहे थे. आमिर ने तब तक 46 गेंदों पर 54 रन बना लिए थे. और सईद अनवर भी बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे थे. हमने तब अपना पहला विकेट गंवाया, जब स्कोर 85 था. हम सही दिशा में जा रहे थे, लेकिन पहले सईद अनवर और फिर आमिर के आउट होने से सबकुछ खराब हो गया. इंजमाम और एजाज दबाब से एकदम पिछले पांव पर आ गए.
वकार ने कहा कि इसका पूरा श्रेय कुंबले और दूसरे स्पेल में बुलाए गए प्रसाद को दिया जाना चाहिए. कुंबले को मदद मिल रही थी और जब हमने करीब एक ही ओवर में एजाज और इंजमाम का विकेट गंवाया, तो फिर पूरी तरह हम पर दबाव आ गया. इन दोनों के आउट होते ही हालात हमारे लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो गए. पूर्व कप्तान बोले कि हमने उस मैच में कुछ गलतियां कीं. जावेद मियांदाद इस मैच में नंबर चार पर बैटिंग कर सकते थे, लेकिन उन्होंने नंबर छह के लिए खुद को बचाए रखा. इसकी कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि जावेद अपने करियर के आखिरी दौर में थे. हमने लगातार मियांदाद से कहा कि उन्हें नंबर चार पर बैटिंग करनी चाहिए. कुल मिलाकर यह अच्छा मैच था और भारत जीत का हकदार था.करि
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