हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि मुंबई इंडिंयस का कप्तान बनते ही उनकी ऐसी मुश्किलें शुरू होंगी, जो उन्हें यहां तक ले जाएंगी जहां भारतीय दिग्गज उन्हें टी20 विश्व कप टीम में भी जगह नहीं देंगे. जाहिर है पांड्या के लिए हालात मुश्किल चले हैं. पिछला कुछ समय मैदान से बाहर से लेकर भीतर तक उनके लिए अच्छा नहीं रहा है. वहीं, कुछ खिलाड़ियों के असाधारण और उनके खुद के साधारण प्रदर्शन ने अब उनके टी20 विश्व कप टीम में चयन पर पेंच फंस गया है. यह आप इससे समझ सकते हैं कि वीरेंद्र सहवाग और हरभजन दोनों ने ही चुनी अपनी-अपनी टीम में हार्दिक पांड्या को टीम में जगह नहीं दी है. चलिए आप उन वजहों पर गौर फरमा लीजिए, जिन्होंने पांड्या की मुसीहतें बहुत ही ज्यादा बढ़ा दी हैं.
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1. बल्ले से निराशाजनक प्रदर्शन
मुंबई का कप्तान बनने के बाद सभी को लगा था कि हार्दिक वैसा ही प्रदर्शन करेंगे, जैसा उन्होंने पिछले दो सीजन में गुजरात के लिए किया, लेकिन हालात एकदम उलट हो गए. पांड्या अभी तक (वीरवार तक) खेले 8 मैचों की 6 पारियों में सिर्फ 21.57 के औसत से 151 रन ही बना सके हैं. उनके बल्ले से एक भी पचासा नहीं निकल सका.
2. गेंदबाजी में औंधे मुंह गिरे
सेलेक्टरों ने हार्दिक को कहा था कि अगर उन्हें टी20 विश्व कप में खेलना है, तो गेंदबाजी करनी होगी. बात एकदम सही थी, लेकिन सेलेक्टरों ने यह नहीं सोचा होगा कि हालात इतने बुरे हो जाएंगे कि फेंके 17 ओवरों में इकॉनमी रन-रेट 10.94 का हो जाएगा. विकेट भी उनके हिस्से में सिर्फ 4 ही आए हैं.
3. दुबे और पराग का जोरदार प्रदर्शन
सेलेक्टर इस विश्व कप में पारी के बीच में ऐसे विकल्प ढूंढ रहे हैं, जो बल्ले से बड़े प्रहार लगा सकें. और यह विकल्प शिवम दुबे और रियान पराग ने दिया है. हालांकि, दुबे ने टूर्नामेंट में बॉलिंग नहीं की, लेकिन हार्दिक की खराब गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ही डिपार्टमेंट में खराब प्रदर्शन ने पलड़ा शिवम का भारी कर दिया. मैच दर मैच दुबे के प्रदर्शन में निखारा आता गया. और यही वजह है कि तमाम दिग्गजों की टीमों में हार्दिक ने अपनी जगह खो दी. और अब देखने की बात यह होगी कि अगरकर एंड कंपनी पांड्या को लेकर क्या फैसला लेती है.